Sunday 14 August 2011

बाबूजी


बाबूजी-----, आपकी बरसी पर---
मेरी वेदना बहना चाहती है
अंतिम विदाई में जो नही कह सकी
आज वो कहना चाहती है।

दिल ने नही भुलाई अब तक
दिल्ली की वो विदाई---
गाडी छूटने की पीडा
आपके आँखों में उतर आई
इच्छा थी मेरी जीभर के गले मिलूँ औ
नैनों से नीर बहाऊँ
दिल के अव्यक्त व्याथा से,
माँ के खालीपन से,
आपके चिर बिछडन की पीडा से
मुक्ति पाकर वापस मंदसौर मैं आऊँ।

पर----आसुओं को लडी बनाकर
मेरी आँखें जब भी
 मेरी पीडा को दर्शाति थी
बदली बन उड जाती पीडा
आपकी अँखियों में लहराती थी
होश सँभाला जबसे मैने
ये बातें मुझे सताती थी
दःख न हो आपको
इसीलिये कई बातें नहीं बताती थी
हँसते -हँसते जी जाती थी
गम के आसुँ पी जाती थी ।

इसीलिये बिछडते वक्त आपसे
मैंने आसूँ नही बहाया
दिल मेरा जो कहना चाहा
उसे नही कह पाया।



समझ रहे थे दिल औ दृग
चिर विदाई की घडी आई
कालचक्र ने एकबार
अपनी लीला पुनः रचाई
छलक नही सकी थी
जो आखें आज अब छलकाती हूँ
सबको जाना है दुनिया से
इस बात से दिल को बहलाती हूँ।

दिल से अपनाया
आपके दिये संस्कार
तहेदिल से किया हे
आपकी हर आँग्या को शिरोधार्य
सच्चे दिल से निबटाये
मैने सारे कार्य
पहले माँ,फिर आपके जाते हीं
दुनियाँ हो गई छोटी
स्वीकार नही कर पा रही
ये बात आपकी बेटी।



माँ के साथ खुश होंगे वहाँ
ये सोच के खुश हो लेती हूँ
पीडा के घनिभूत होने पर
संग बिताये लम्हों को
एकबार पुनः जी लेती हूँ
दुखी होंगे मेरे दुःख से
सोचके ये गम हर लेती हूँ।


दूर होकर भी दूर नही हैं
ये बात मैं जानती हूँ
परछाई बनकर साथ रहते मेरे
ऐसा ही मैं मानती हूँ
जब-जब मैने खुद को
किसी उलझन मैं घिरा पाया
तब-तब आपने सपनों में आकर
मेरी उलझन को सुलझाया ।



बाबूजी----आपकी बरसी पर
श्रद्धासुमन अर्पित करती हूँ
बनूँगी हर जन्म में बिटिया
आपदोनों की,भरे दिल से
वादा करती हूँ
बेटी बनकर नही जीऊँगी
अब माँ बनकर जीना होगा
सारे उलझन ,सारे गम
खुद ही खुद में पीना होगा
इंतजार करुँगी उस पल का बेसब्री से
जब अगला हमारा मिलन होगा


खुसी से छलकती आँखें होंगी
उमंग से लहराता स्वर होगा
सात घोंडों के रथ पे होके सवार
रवि पश्चिम दिशा को जाता होगा
अगवानी करने के लिये
चाँद-तारों से सजी निशा को
बुलाता होगा।








6 comments:

  1. wakyi mai ye shrdhanjali tou kruna se bhari hui hai.aankho mai aansu aa gye...mere pitaji ki yaad aa gayi.really mam aapki bhawnaye bahut hi paak hai...or us per shabdo ka chayan....bahut hi uchh hai.

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  2. speechless....no wrds to say :-)

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  3. ... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।

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  4. धन्यवाद संजय जी।

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