Wednesday, 20 February 2013

उनके हिस्से का दुःख

चंचल चिड़ियाँ बहुत उदास और दुखी थी .
अचानक वहाँ उसकी बिटिया आई,... मम्मी 
को दुखी देख पूछ बैठी .....मम्मी आप उदास 
और दुखी क्यों हैं ?
मम्मी ने बताया ....बेटा ....अभी-अभी-मै 
पूर्व दिशा से लौटी हूँ ...वहां मैंने एक बहेलिये 
को देखा ...बड़ी मुश्किल से उससे बचकर आई हूँ ..पर,,,
पर,.... क्या मम्मी ?
 मेरी दोस्त मेरे मना करने के बावजूद उधर 
चली गई है .....मुझे उसके लिए दुःख हो रहा है .
नहीं मम्मी,... आप दुखी मत होइये ......आपने 
अपना काम कर दिया है और  .अपने हिस्से का दुःख भी 
 महसूस कर लिया अब उन्हें उनके हिस्से का दुःख 
महसूस करने दीजिये ....चंचल चिड़िया बिटिया को
देखते हुए सोच रही थी,... मेरी बिटिया मुझसे ज्यादा  समझदार हो गई है ...
उसका दुःख ख़त्म  तो नहीं पर हल्का जरुर हो गया ....


         ब्लोगर .....साथियों ..प्रथम प्रयास है लघुकथा लेखन का ...
बताइयेगा कैसी लगी मेरी ये कहानी ....धन्यवाद .....

Thursday, 14 February 2013

यही तो प्यार है ......



मैंने पेड़ की जड़ से पूछा ..


.तुम ..किस से प्यार करती  हो ?
उसने कहा तने से ....
तने से पूछा ..तुम किस से प्यार करते हो......
उसने कहा शाखाओं से,.....
शाखाओं से पूछा कि तुम्हारा प्यार कौन है तो ,.....
उसने बताया कि उसका प्यार है ....पत्ते ,...
पत्ते से पूछा तो उसने बताया कि वो फूलों से प्यार करता है ....
मैंने फूलों से पूछा तो उसने कहा कि वो जड़,तना ,शाखाओं  पत्ते और काँटें सभी से प्यार करता है ,......तभी  तो  हरदम हँसता  रहता है ......फूलों की  हंसी 
का राज मेरी  समझ में आया .....
जीवन कैसे जीते हैं .....फूलों ने समझाया ......
आइए प्रेम दिवस के इस अवसर पर फूलों से सीख लें ....
खुद भी हँसे औरों को भी हँसाए,...... यही तो प्यार है ......

happy valentine day........

Friday, 8 February 2013

मन


    1.
स्वार्थी मन 
तोड़ देता सम्बन्ध 
जानबूझकर ........


      2.
व्याकुल मन 
निस्तब्ध निशा 
आत्मविस्मृति के क्षण ......


        3.
युगों की भटकन 
मन की उलझन 
रुह में समाई .......


         4.
जीवन संघर्ष 
बोझिल है मन 
भटके नयन ......


          5.
पुरानी पहचान 
दिल में उफान 
उदास है मन ......

          6.

दुविधाग्रस्त मन 
सच्चाई को 
देख न पाए ..........


       7.
अतीत के गलियारे में 
भटक रहा मन 
ये क्या हो गया ?