सब समय का खेल है!सुन्दर प्रस्तुति!
बहुत ही सुंदर और सार्थक प्रस्तुती, आभार
बहुत ही सुंदर ..
सुंदर सृजन लाजबाब प्रस्तुति,,,RECENT POST : सुलझाया नही जाता.
Bahut Sunder...
नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (20 -08-2013) के चर्चा मंच -1343 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
dhanyavad arun jee ......
यह कविता के साथ एक सूक्ति है । बधाई ।
dhanyavad sir ......
waah bahut khub
बेहतरीन सादर
सुंदर सृजन लाजबाब प्रस्तुति,,,
लहरों ने मिलाया लहरों ने जुदा किया न तेरी कोई खता थी न मैंने कुछ किया। khubsurat aur laajawab dil ke karib behatarin wow
खुबसूरत रचना !!
अनुपम भाव संयोजन ...
बहुत खूब ... भावमय ... लहरें जीवन हैं कभी मिलाती हैं कभी जुदा करती हैं ...
बहुत खूब बेहतरीन...:-)
लहरों ने मिलायालहरों ने जुदा किया ....सुंदर सृजन
संवेदनशील रचना बहुत ही भावपूर्ण ओर सुन्दर . बधाई ओर शुभकामनायें ...
गहन दर्शन सिमटा है इन पंक्तियों में । बहुत सुंदर ।
बहुत सुंदर क्षणिका ! बहुत खूब !
thanks to all.....
सुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
सशक्त विचार सम्प्रेषण करती हुई भाव कणिका।
लाजवाब प्रस्तुति ...
लाजबाब..संक्षेप में इससे गहरी बात और क्या हो सकती है।।।
शुक्रिया आपके नेहा पूर्ण टिप्पणियों का। ॐ शान्ति।
कभी कभी हमारे हाथ में कुछ नहीं होता बहुत सुन्दर !
वाह बहुत खुबसूरत
लहरों ने मिलाया लहरों ने जुदा किया न तेरी कोई ख़ता थी न मैंने कुछ किया... वाऽहऽऽ…!सचमुच हमारे हाथ में कुछ नहीं...आदरणीया डॉ.निशा जी सुंदर सत्य ! ❣मंगलकामनाओं सहित...❣-राजेन्द्र स्वर्णकार
dhanyavad rajendra jee ..bahut dinon bad aapke darshan huye ...
आपकी इस उत्कृष्ट रचना का प्रसारण कल रविवार, दिनांक 25/08/2013 को ब्लॉग प्रसारण http://blogprasaran.blogspot.in/ पर भी .. कृपया पधारें !
बहुत सुन्दर.
न तेरी खता थी न मैंने कुछ किया .. बहुत खूब
सब कुछ वक़्त के हाथ है...
Nice
बहुत खूब लिखा है। शुक्रिया आपकी टिपपणी का।
you described life and relationship in 3 simple lines...that is called true poetry..:)
सब समय का खेल है!
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुति!
बहुत ही सुंदर और सार्थक प्रस्तुती, आभार
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर ..
ReplyDeleteसुंदर सृजन लाजबाब प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteRECENT POST : सुलझाया नही जाता.
Bahut Sunder...
ReplyDeleteनमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (20 -08-2013) के चर्चा मंच -1343 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
ReplyDeletedhanyavad arun jee ......
Deleteयह कविता के साथ एक सूक्ति है । बधाई ।
ReplyDeletedhanyavad sir ......
Deletewaah bahut khub
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteसादर
सुंदर सृजन लाजबाब प्रस्तुति,,,
ReplyDeleteलहरों ने मिलाया
ReplyDeleteलहरों ने जुदा किया
न तेरी कोई खता थी
न मैंने कुछ किया।
khubsurat aur laajawab dil ke karib behatarin wow
खुबसूरत रचना !!
ReplyDeleteअनुपम भाव संयोजन ...
ReplyDeleteबहुत खूब ... भावमय ... लहरें जीवन हैं कभी मिलाती हैं कभी जुदा करती हैं ...
ReplyDeleteबहुत खूब बेहतरीन...
ReplyDelete:-)
लहरों ने मिलाया
ReplyDeleteलहरों ने जुदा किया
....सुंदर सृजन
ReplyDeleteसंवेदनशील रचना बहुत ही भावपूर्ण ओर सुन्दर . बधाई ओर शुभकामनायें ...
गहन दर्शन सिमटा है इन पंक्तियों में । बहुत सुंदर ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर क्षणिका ! बहुत खूब !
ReplyDeletethanks to all.....
ReplyDeleteसुन्दर भावो को रचना में सजाया है आपने.....
ReplyDeleteसशक्त विचार सम्प्रेषण करती हुई भाव कणिका।
ReplyDeleteलाजवाब प्रस्तुति ...
ReplyDeleteलाजबाब..संक्षेप में इससे गहरी बात और क्या हो सकती है।।।
ReplyDeleteशुक्रिया आपके नेहा पूर्ण टिप्पणियों का। ॐ शान्ति।
ReplyDeleteकभी कभी हमारे हाथ में कुछ नहीं होता
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
वाह बहुत खुबसूरत
ReplyDeleteलहरों ने मिलाया
लहरों ने जुदा किया
न तेरी कोई ख़ता थी
न मैंने कुछ किया...
वाऽहऽऽ…!
सचमुच हमारे हाथ में कुछ नहीं...
आदरणीया डॉ.निशा जी
सुंदर सत्य !
❣मंगलकामनाओं सहित...❣
-राजेन्द्र स्वर्णकार
dhanyavad rajendra jee ..bahut dinon bad aapke darshan huye ...
Deleteआपकी इस उत्कृष्ट रचना का प्रसारण कल रविवार, दिनांक 25/08/2013 को ब्लॉग प्रसारण http://blogprasaran.blogspot.in/ पर भी .. कृपया पधारें !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.
ReplyDeleteन तेरी खता थी न मैंने कुछ किया .. बहुत खूब
ReplyDeleteसब कुछ वक़्त के हाथ है...
ReplyDeleteNice
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है। शुक्रिया आपकी टिपपणी का।
ReplyDeleteyou described life and relationship in 3 simple lines...that is called true poetry..:)
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