Tuesday, 6 November 2012
Saturday, 3 November 2012
भावों के मोती
दिल के अन्तः पुर में,.......
ब्लोगर ......साथियों
हम सभी जानते हैं की
अत: प्रदूषणमुक्त पर्यावरण बनाना हमारी जिम्मेदारी है ....धन्यवाद ...
भावों के मोती ...
नैनन के अँसुवन में
सजनी पिरोती .........
ब्लोगर ......साथियों
हम सभी जानते हैं की
के मामले में पशु-पक्षी हमसे
आगे हैं .......पर अब वो भी हमको देख
बिगड़ने लगे हैं ......उनकी ... नाराजगी ...को
दर्शा रही मेरी ...कविता की ये पंक्तियाँ .....
देखिये सारस और हरे कबूतर के इन जोड़ों के
माध्यम से और संभल जाइए .......
नहीं तो .????????????????....
.. अब सजनी नहीं ...
सजना के आँखों में आंसू होंगे !
प्रदुषण बड़ा ख़राब होता है ....
Thursday, 1 November 2012
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