दिल में चिर जुदाई की पीडा
दिमाग में यादों की बदली छाई है
आज सभी घनीभूत होकर
फिर से बरसने आई है।
नैनों के नीर
दिल के पीर
श्रद्धा औ स्नेह से बनाये गये खीर
बाबुल मैं अर्पण करती हूँ
अपने सारे मृदृल भावों का
इस पावन दिवस पर
तर्पण करती हूँ।
बडे ही सुखमय दिन थै वो
स्वर्ग था तेरी बाँहों में
दिल सुकून से भरा रहता था
तेरी ममता की छाँहों में
आवागमन के साधन नही हैं
पर-दम है मेरे भावों में
बिना टिकट के बिना पते के
ये पहूँच जायेंगे
तेरे गाँवों में।
हृदय के भावों को दर्शाती एक सुंदर रचना !
ReplyDeletethanks sanjay ji.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ||
ReplyDeleteबहुत सार्थक पोस्ट ||
प्रस्तुति पर बधाई ||
thanks ravikr ji.
ReplyDeleteअर्पण और तर्पण ..श्रद्धा से किया हुआ ..सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDelete♥
ReplyDeleteआपको सपरिवार
नवरात्रि पर्व की बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
thanks n same to you.
ReplyDeleteBahut hi sundar Prastuti
ReplyDelete... नवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएं....
ReplyDeleteआपका जीवन मंगलमयी रहे ..यही माता से प्रार्थना हैं ..
जय माता दी !!!!!!
सुँदर भाव -अभिव्यक्ति . आभार .
ReplyDeleteबडे ही सुखमय दिन थै वो
ReplyDeleteस्वर्ग था तेरी बाँहों में
दिल सुकून से भरा रहता था
तेरी ममता की छाँहों में
आवागमन के साधन नही हैं
पर-दम है मेरे भावों में
बिना टिकट के बिना पते के
ये पहूँच जायेंगे
तेरे गाँवों में..
...bahut hi sundar komal bhavon se piroyee rachna..
Navratri kee haardik shubhkamnayen!
पितरों को किया गया अर्पण उनसे प्रेम की भाव को प्रगट करता है ... सुहानी सी रचना से उनक्प याद किया है आपने ... लाजवाब ... नव रात्री की मंगल कामनाएं ..
ReplyDeleteआप सभी को बहुत- बहुत धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति.
ReplyDeletethanks shikha ji.
ReplyDeleteओह! सुन्दर भावपूर्ण तर्पण.
ReplyDeleteआपकी सुन्दर भावनाओं को सादर नमन.
मेरे ब्लॉग पर आप आयीं,इसके लिए
बहुत बहुत आभार आपका.
आपके ब्लॉग पर देरी से आने के लिए
क्षमा चाहता हूँ.
'कन्दर्प' का अर्थ 'कमल' भी किया जाता है.
नवरात्रि की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ.
acchhi hai kavitaa......
ReplyDeletethanks rakesh ji n rajiv ji.
ReplyDeletethanks sangeeta ji,
ReplyDeleteनिशा जी नमस्कार ।मेरे ब्लाग पर आयी और समर्थ्क बनी बहुत -बहुत धन्यवाद मै देर से यह रचना देख पायी लेकिन मेरे अपने भावो की पीडा भी आपके इस तर्पण मे शामिल है क्यो कि मै भी अपने पिता को भावो का ही तर्पन कर पाती हू ।
ReplyDeletehm sbhi betiyon ki pida sman hi hoti hain.thnks
ReplyDeletesuman ji.
आदरणीया निशा जी बहुत ही सुन्दर कविता बधाई |आपका ब्लॉग लिंक कर रहे हैं |ताकि जब अप कुछ लिखें तो पता चल जाये |आभार
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावपूर्ण और मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति...नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं !
ReplyDeletethanks tushar ji n sharma ji.
ReplyDeletevery nice post nisha ji
ReplyDeletethanks rajiv ji.
ReplyDeleteअच्छी कविता निशा जी
ReplyDeletethanks tushar ji.
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता
ReplyDeleteक्या कहने
thanks srivastava sahab.
ReplyDeleteश्राद्ध में श्रद्धा भाव से लिखी गई भावनात्मक रचना ।
ReplyDeleteआवागमन के साधन नही हैं
ReplyDeleteपर-दम है मेरे भावों में
बिना टिकट के बिना पते के
ये पहूँच जायेंगे
तेरे गाँवों में।
संकल्पित अहसासों भरी सुन्दर रचना....
आवागमन के साधन नही हैं
ReplyDeleteपर-दम है मेरे भावों में
बिना टिकट के बिना पते के
ये पहूँच जायेंगे
तेरे गाँवों में।
संकल्पित अहसासों भरी सुन्दर रचना....
बढ़िया प्रस्तुति ||
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई ||
बहुत भावपूर्ण अभिव्यक्ति| नवरात्रि की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ|
ReplyDeleteबहुत सुन्दर लगा ! ख़ूबसूरत एवं भावपूर्ण रचना ! शानदार प्रस्तुती!
ReplyDeleteदुर्गा पूजा पर आपको ढेर सारी बधाइयाँ और शुभकामनायें !
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
thanks both of you.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर ||
ReplyDeleteबडे ही सुखमय दिन थै वो
ReplyDeleteस्वर्ग था तेरी बाँहों में
दिल सुकून से भरा रहता था
तेरी ममता की छाँहों में
आवागमन के साधन नही हैं
पर-दम है मेरे भावों में
बिना टिकट के बिना पते के
ये पहूँच जायेंगे
तेरे गाँवों में.....
बहुत सुन्दर श्रद्धा सुमन
thanks to both of you.
ReplyDeleteI know i am so late to read this post. but thank you for this excellent information. I hope to get a lot of good information like this here.
ReplyDeleteIndia is a land of many festivals, known global for its traditions, rituals, fairs and festivals. A few snaps dont belong to India, there's much more to India than this...!!!.
Visit for India
दिल में चिर जुदाई की पीडा
ReplyDeleteदिमाग में यादों की बदली छाई है
आज सभी घनीभूत होकर
फिर से बरसने आई है।
बहुत सुंदर । मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है ।
धन्यवाद ।
thanks srovr ji.
ReplyDeleteBahut Khoob. behtarin rachna
ReplyDeleteबडे ही सुखमय दिन थै वो
ReplyDeleteस्वर्ग था तेरी बाँहों में
दिल सुकून से भरा रहता था
तेरी ममता की छाँहों में
बहुत ही सुंदर भावाभिव्यक्ति।
thaks to both of you.
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