Sunday, 25 September 2011

बिटिया


निशा अपने रौ में चली जा रही थी
अपनी भावनाओं में बही जा रही थी
पीछे से दौडते-हाँपते
चाँद-तारों औ-
दसों दिशाओं ने -
आवाज लगाई- रुको,सुनो-
हमारा फैसला करके जाओ
बताओ-हम सब में
सबसे सुन्दर-सबसे अच्छा औ
सबसे चंचल कौन है ?
निशा कुछ देर के लिये रुकी
उनकी ओर झुकी और बोली
सुनो दोस्तों-गर तुम मुझसे
फैसला करवाना ही चाहते हो
मेरा राज मुझसे उगलवाना ही चाहते हो तो सुनो-
तुम सबने अपना नाम तो बताया पर-
इसमें एक नाम जोडना भूल गये
बेशक, तुम सभी अच्छे,सुन्दर औ चंचल हो पर-
बुरा मत मानना यारों
अभी प्रथम नही आने की
तुम्हारी बारी है क्योंकि-
सबसे अच्छी,सबसे सुन्दर औ
सबसे चंचल बिटिया हमारी है
जिसने दी है मेरे जीवन को
एक अपूर्व दिशा
वो है मेरे दिल की धडकन
मेरी बिटिया ईशा
कुछ देर के लिये सभी सकपकाये पर-
भावनाओं के प्रबल वेग को
रोक नही पाये कहा-
हम सभी गर्वमिश्रित झोकों में झूल गये
अपने को याद रक्खा
पर -अपनी बिटिया को कैसे भूल गये
सच ही तो है
बिटिया माँ-बाप के जीवन की
धारा होती है
उनके आँखों में बसनेवाली
सुनहरी तारा होती है।
डाँटर्स डे पर सारी बेटियों के लिये समर्पित है मेरी ये रचना।

16 comments:

  1. डॉ निशा ,
    भावुक कर दिया आपकी इस बेहतरीन प्रस्तुति ने। बेटियों को हमारे समाज में प्यार और सम्मान मिल सके बस यही कामना है।

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  3. बहुत भावपूर्ण रचना...भावों ने मन को अंदर तक भिगो दिया..

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  4. तुम्हारी बारी है क्योंकि-
    सबसे अच्छी,सबसे सुन्दर औ
    सबसे चंचल बिटिया हमारी है
    जिसने दी है मेरे जीवन को
    एक अपूर्व दिशा
    ........यह पंक्तियाँ विशेष प्रभावित करती हैं।

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  5. बिटिया माँ-बाप के जीवन की
    धारा होती है
    उनके आँखों में बसनेवाली
    सुनहरी तारा होती है।

    बहुत ही सच कहा है आपने।

    सादर

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  6. बहुत ही सुंदर भावपूर्ण रचना के लिये बहुत बहुत बधाई व शुभकामनायें।

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  7. Maa hi bitiya ko acche se samajh sakti hai

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  8. सुन्दर भावुक प्रस्तुति के लिए आभार,निशा जी.
    आपकी कोमल सुन्दर भावों को अभिव्यक्त करती
    प्रस्तुति दिल को छूती है.

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  9. बेटियों से अधिक प्यार कोई नहीं करता ....शुभकामनायें आपको !

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