जो होता है
अच्छा होता है
जो खोता है
वही रोता है
जो खोयेगा ही नही तो ?
रोने की कीमत समझेगा कैसे ?
जो टूटेगा ही नही तो ?
जुडने की कीमत समझेगा कैसे
उदासी की जब नही पडी तो ?
मुस्कान की कीमत क्या वो समझे ?
दिल से नही जुडा है जो
अपनेपन की कीमत क्या वो समझे ?
मान नही मिला हो जिसको
अपमान की कीमत क्या वो समझे ?
सही कहा आपने कीमत तभी कीमत समझ में आती है |( कृपया अपने ब्लॉग को किसी भी या हमारी वाणी से जोड़ें ) कारण पढ़ने में आसानी होगी
ReplyDeletethanku sunil ji
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना....
ReplyDeleteस्वागत है.
आज 11- 09 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
ReplyDelete...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
बहुत खूब लिखा है आपने.
ReplyDeleteआपकी कलम को सलाम.
इस रचना में निहित भाव पसंद आए।
ReplyDeletebilkul sahi kaha
ReplyDeletethanks to all.
ReplyDeleteसही बात है ..जब तक अँधेरा नहीं तो उजाले की क्या कीमत ... अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeleteBAHUT HI ACCHI POST
ReplyDeleteSAMRAT BUNDELKHAND BLOG
...... प्रशंसनीय रचना - बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए
उदासी की जब नही पडी तो ?
ReplyDeleteमुस्कान की कीमत क्या वो समझे ?
दिल से नही जुडा है जो
अपनेपन की कीमत क्या वो समझे ?
मान नही मिला हो जिसको
अपमान की कीमत क्या वो समझे ?
सटीक बात...
कष्ट की अनुभूति समझ पाना हर एक के बस का नहीं .....
ReplyDeleteशुभकामनायें आपको !
जो खोयेगा ही नही तो ?
ReplyDeleteरोने की कीमत समझेगा कैसे ?
जो टूटेगा ही नही तो ?
जुडने की कीमत समझेगा कैसे
सच कहा आपने
thanks vandana ji.
ReplyDeleteबहुत खूब लिखा है आपने.
ReplyDeleteभावपूर्ण रचना....
thanks amrendra ji
ReplyDeletebahut hi acha likha ha, ham kuch khoye bina uski kimat jaan hi nahi sakte
ReplyDeletethaks shaveta ji.
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