Saturday, 10 September 2011

कीमत


जो होता है
अच्छा होता है
जो खोता है
वही रोता है
जो खोयेगा ही नही तो ?
रोने की कीमत समझेगा कैसे ?
जो टूटेगा ही नही तो ?
जुडने की कीमत समझेगा कैसे
उदासी की जब नही पडी तो ?
मुस्कान की कीमत क्या वो समझे ?
दिल से नही जुडा है जो
अपनेपन की कीमत क्या वो समझे ?
मान नही मिला हो जिसको
अपमान की कीमत क्या वो समझे ?

19 comments:

  1. सही कहा आपने कीमत तभी कीमत समझ में आती है |( कृपया अपने ब्लॉग को किसी भी या हमारी वाणी से जोड़ें ) कारण पढ़ने में आसानी होगी

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  2. भावपूर्ण रचना....
    स्वागत है.

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  3. बहुत खूब लिखा है आपने.
    आपकी कलम को सलाम.

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  4. इस रचना में निहित भाव पसंद आए।

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  5. सही बात है ..जब तक अँधेरा नहीं तो उजाले की क्या कीमत ... अच्छी प्रस्तुति

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  6. BAHUT HI ACCHI POST
    SAMRAT BUNDELKHAND BLOG

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  7. ...... प्रशंसनीय रचना - बधाई
    धन्यवाद, मेरे ब्लॉग से जुड़ने के लिए और बहुमूल्य टिपण्णी देने के लिए

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  8. उदासी की जब नही पडी तो ?
    मुस्कान की कीमत क्या वो समझे ?
    दिल से नही जुडा है जो
    अपनेपन की कीमत क्या वो समझे ?
    मान नही मिला हो जिसको
    अपमान की कीमत क्या वो समझे ?

    सटीक बात...

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  9. कष्ट की अनुभूति समझ पाना हर एक के बस का नहीं .....
    शुभकामनायें आपको !

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  10. जो खोयेगा ही नही तो ?
    रोने की कीमत समझेगा कैसे ?
    जो टूटेगा ही नही तो ?
    जुडने की कीमत समझेगा कैसे

    सच कहा आपने

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  11. बहुत खूब लिखा है आपने.
    भावपूर्ण रचना....

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  12. bahut hi acha likha ha, ham kuch khoye bina uski kimat jaan hi nahi sakte

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