Monday, 5 September 2011

माँ


माँ-मैं खग थी
तुम थीं मेरी दोनों डैने
तुम जैसी माँ पाकर
जीत लिया जग मैने
बिना मिले तुम चलीं गईं
मजबूरियों पर रोती हूँ
सपनों में आकर मिल लेती हो
जब भी मैं दुःखी होती हूँ
साथ तुम्हारा छूटा जबसे
द;खों के झोकों में
झूल गई
तेरे बिन माँ मैं अपने
घर का रास्ता भूल गई।

21 comments:

  1. "MAA"
    jitna bhi likha jaye kam hai ............
    aapki is pyari ..........sunder ahsasso se bhari rachna ko koti koti badhai

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  2. माँ की स्मृति में सुन्दर भावप्रवण रचना

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  3. आह!
    माँ के बिन दुःख के अहसास को
    अभिव्यक्त करके आपने दिल में
    मार्मिक कचौट का अनुभव कराया है.

    भावपूर्ण हृदयस्पर्शी प्रस्तुति के लिए आभार.

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  4. मेरे ब्लॉग पर आपके आने का मैं बहुत बहुत आभारी हूँ.

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  5. निशा जी 'माँ' कविता बहुत मार्मिक है , विशेषत: ये पंक्तियाँ-बिना मिले तुम चलीं गईं
    मजबूरियों पर रोती हूँ
    सपनों में आकर मिल लेती हो
    जब भी मैं दुःखी होती हूँ -बहुत बधाई !!

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  6. man ko chhooti rachna .maa se badhkar vastav me koi nahi..shayad bhagvan bhi nahi .aabhar

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  7. आप सभी को बहुत बहुत धन्यवाद

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  8. मां तो अंधेरे में भी रास्ता दिखा दे ...

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  9. माँ से बढ़कर शुभचिंतक कोई और नहीं।

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  10. तेरे बिन माँ मैं अपने
    घर का रास्ता भूल गई।

    बहुत ही सुंदर रचना ..... माँ से बढ़कर क्या है...?

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  11. माँ शब्द अपने आप में एक सम्पूर्ण शब्द है जिसके आगे कुछ नहीं। बहुत मर्मस्पर्शी प्रस्तुति...

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  12. इस कष्ट को हर कोई नहीं समझ सकता ....लगता है सब कुछ लेकर केवल माँ को दे दे ....
    शुभकामनायें !

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  13. आदरणीया निशा जी
    सादर अभिवादन !


    साथ तुम्हारा छूटा जबसे
    दुःखों के झोंकों में
    झूल गई
    तेरे बिन मां मैं अपने
    घर का रास्ता भूल गई …

    बहुत भावपूर्ण रचना है … मां किसी से नहीं बिछड़े …

    मां तो है मां !
    मां जैसा दुनिया में कोई कहां !



    हार्दिक शुभकामनाएं !
    - राजेन्द्र स्वर्णकार

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  14. "तेरे बिन माँ मैं अपने
    घर का रास्ता भूल गई"

    बहुत खूब

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  15. very nice words on mother!!! Keep writing , simple yet impactful!!

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  16. बहुत सुंदर

    ए अंधेरे देख ले मुंह तेरा काला हो गया,
    मां ने आंखे खोल दी, घर में उजाला हो गया।

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  17. आपके लेखन ने इसे जानदार और शानदार बना दिया है....

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