धन चला जाये तो जाने दो
दुःख का कडवा घूँट नही पीना
स्वास्थ्य जरुरी है सीखो
मुस्कुरा के जीना
चरित्र जीवन की पूँजी है
इसे कभी नही गँवाना
पहले गलती करके
पीछे पड ना जाये पछताना
मृगतृष्णा के जाल में फँसकर
अपने सम्मान को नही खोना
आज-अभी-क्षणिक -सुख के लिये
आनेवाले कल को दाँव ? पर
नही लगाना
रोते हुये जग में आये हैं
हँसते हुये जग से जाना।
खुबसूरत ||
ReplyDeleteबधाई ||
सत्य वचन जीवन में अपनाने योग्य , आभार
ReplyDeleteBahut hi khubsurat***
ReplyDeletethanks to all.
ReplyDeleteसोचने को मजबूर करती है आपकी यह रचना ! सादर !
ReplyDeleteachhi rachna
ReplyDeletethanks both of you.
ReplyDeleteMeri rachanaa ekkiswa basant ko aapbe aashirwaad diya.
ReplyDeleteDhanyawaad
kadachit usi ek chan ko lekar likhi gayi aapki uprokat panktiya laajawaab hai.
Ek sarthak seekh ke liye aabhar.
सबसे पहले निशा जी मैं आपको हार्दिक धन्यवाद देना चाहूगी की आप मेरे ब्लॉग पर आई ओर अपनी टिपण्णी दी जिसके माध्यम से आपके ब्लॉग का पता चला !आपकी कविता अच्छी लगी !आपकी श्रंखला से जुड़ रही हूँ !फिर मिलेंगे !
ReplyDeleteअशोक जी एवं राजेश जी आप दोनों को मेरा धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता बधाई प्रोफेसर निशा जी ब्लॉग पर आने के लिए आभार
ReplyDeletethanks tushar ji.
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर कविता बधाई|
ReplyDeleteधन चला जाये तो जाने दो
ReplyDeleteदुःख का कडवा घूँट नही पीना
स्वास्थ्य जरुरी है सीखो
मुस्कुरा के जीना...
Great philosophy hidden in the above beautiful lines...
.
♥
ReplyDeleteआदरणीया निशा महाराणा जी
सादर सस्नेहाभिवादन !
बहुत सहजता से जीवन-दर्शन समझा दिया आपने -
चरित्र जीवन की पूंजी है
इसे कभी नही गंवाना
… … …
मृगतृष्णा के जाल में फंसकर
अपने सम्मान को नही खोना
कामना है , अनवरत चलती रहे लेखनी …
हार्दिक बधाई और मंगलकामनाएं !
- राजेन्द्र स्वर्णकार
sach ko sunder tarike se kaha hai aapne
ReplyDeleterachana
सच्चाई कहती अच्छी प्रस्तुति
ReplyDeletethanks both of you.
ReplyDeleteअपने सम्मान को नही खोना
ReplyDeleteआज-अभी-क्षणिक -सुख के लिये
आनेवाले कल को दाँव ? पर
नही लगाना
रोते हुये जग में आये हैं
हँसते हुये जग से जाना......
बहुत सार्थक सन्देश !
सोचने को मजबूर करती है आपकी यह रचना
ReplyDeleteसार्थक सन्देशयुक्त रचना...हार्दिक बधाई.
ReplyDeleteसीख देती सचेत करती नीतिपरक रचना .आभार !
ReplyDeleteसार्थक सन्देश देती हुई रचना , कोई समझे तब ना ..
ReplyDeleteसुन्दर प्रेरक प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार,निशा जी.
ReplyDeletethanks rakesh ji.
ReplyDeleteसच्ची बात।
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