प्यार सिर्फ प्यार काजलता रहे चिराग।सुंदर, संक्षिप्त, सार्थक रचना
एक घर के लिए इतना ही पर्याप्त है... और क्या चाहिए... सुंदर रचना
ghar ghar hee rah jaaye to kitnaa achhaa ho pyaar bhaai chaare se vimukt sirf rahne kee jagah ban jaataa to nark se kam nahee hotaa
सुंदर, सार्थक रचना....
बहुत सुंदर रचना ...
ऐसी कामना तो हर किसी की होती है ..लेकिन यह सब होने के बाबजूद भी इंसान कहाँ चैन से रह पाता है ...!
यही घर है .......
यह घर नहीं मंदिर है!
बहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
thanks to all.
सुंदर, संक्षिप्त, सार्थक रचना...
प्यार मकान को घर बना देता है।सुंदर रचना।
छोटी-सी, लेकिन सार्थक और प्यारी रचना.
वाह! बस प्यार ..प्यार..प्यार...प्यारी सी रचना के लिए आभार,निशा जी.
sunder bhavrachana.
प्यार सिर्फ प्यार का
ReplyDeleteजलता रहे चिराग।
सुंदर, संक्षिप्त, सार्थक रचना
एक घर के लिए इतना ही पर्याप्त है... और क्या चाहिए... सुंदर रचना
ReplyDeleteghar ghar hee rah jaaye
ReplyDeleteto kitnaa achhaa ho
pyaar bhaai chaare se vimukt
sirf rahne kee jagah ban jaataa
to nark se kam nahee hotaa
सुंदर, सार्थक रचना....
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ...
ReplyDeleteऐसी कामना तो हर किसी की होती है ..लेकिन यह सब होने के बाबजूद भी इंसान कहाँ चैन से रह पाता है ...!
ReplyDeleteयही घर है .......
ReplyDeleteयह घर नहीं मंदिर है!
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन और प्रशंसनीय.......
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है।
thanks to all.
ReplyDeleteसुंदर, संक्षिप्त, सार्थक रचना...
ReplyDeleteप्यार मकान को घर बना देता है।
ReplyDeleteसुंदर रचना।
छोटी-सी, लेकिन सार्थक और प्यारी रचना.
ReplyDeleteवाह! बस प्यार ..प्यार..प्यार...
ReplyDeleteप्यारी सी रचना के लिए आभार,निशा जी.
thanks to all.
ReplyDeletesunder bhavrachana.
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