जरुरी नहीं की ......... हर बात का जबाव दिया जाये भीड़ में बहुत जी लिया ...... अब तन्हाई का भी ..... मजा लिया जाये ..... behtarin likhi hai...bahut sundadr.
चंद लाइनों में भरपूर संदेश; मुझे कविता की समझ कुछ कम है, इतने सारे मेरे वरिष्ठों नें आपकी इस प्रस्तुति को बहुत सुन्दर कहा है, किन्तु कविता के एतिहासिक बिम्बों में दोस्ती में रूठना और मनाना दोनों होता है।
बहुत अच्छी सुंदर प्रस्तुति,बहुत खुबशुरत अभिव्यक्ति रचना अच्छी लगी..... new post--काव्यान्जलि : हमदर्द..... मै फालोवर बन गया हूँ,आप भी बने,मुझे हार्दिक प्रसन्नता होगी,....
वाह...बहुत सुन्दर.
ReplyDeleteबहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति.........
ReplyDeleteवो हिम्मत ही क्या ?
ReplyDeleteजो टूट जाये .....
वो आस ही क्या ?
जो छूट जाये ....
वो दोस्त ही क्या ?
जो रूठ जाये .....
खुबसूरत अभिवयक्ति....
जीवन की वास्तविकताओं से अवगत करवाती आपकी यह रचना ....सराहनीय है ...!
ReplyDeleteजरुरी नहीं की .........
ReplyDeleteहर बात का जबाव दिया जाये
भीड़ में बहुत जी लिया ......
अब तन्हाई का भी .....
मजा लिया जाये .....
behtarin likhi hai...bahut sundadr.
वो हिम्मत ही क्या ?
ReplyDeleteजो टूट जाये .....
वो आस ही क्या ?
जो छूट जाये ....तभी तो जीवन है , हिम्मत है , आगे के सपने हैं
beautiful words..best wishes
ReplyDeleteबहुत अच्छी और सार्थक प्रस्तुति!
ReplyDeletevery good
ReplyDeleteसटीक और सार्थक प्रस्तुति!
ReplyDeleteवाह ...बहुत खूब ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर...
ReplyDeleteवाह:सार्थक प्रस्तुति!...
ReplyDeleteचंद लाइनों में भरपूर संदेश; मुझे कविता की समझ कुछ कम है, इतने सारे मेरे वरिष्ठों नें आपकी इस प्रस्तुति को बहुत सुन्दर कहा है, किन्तु कविता के एतिहासिक बिम्बों में दोस्ती में रूठना और मनाना दोनों होता है।
ReplyDeleteसुंदर सूक्तियाँ, वाह !!!
ReplyDeletethanks to all.
ReplyDeleteबहुत अच्छी सुंदर प्रस्तुति,बहुत खुबशुरत अभिव्यक्ति रचना अच्छी लगी.....
ReplyDeletenew post--काव्यान्जलि : हमदर्द.....
मै फालोवर बन गया हूँ,आप भी बने,मुझे हार्दिक प्रसन्नता होगी,....
बहुत सार्थक और सटीक प्रस्तुति...
ReplyDeletethanks both of you.
ReplyDeleteआशा का संचार कराती सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteवाह! अति सुन्दर प्रेरक प्रस्तुति है आपकी.
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार.