Sunday, 28 April 2013

एक दूजे के वास्ते ......

सागर की लहरों के साथ 
थामें एक दूजे का हाथ 
चलो साथी चलें उस ओर ...जहाँ ....
उन्मुक्त आकाश हो 
दिन हो या रात हो 
बुझे नहीं कभी मिलन से 
ऐसी अतृप्त प्यास हो .....

रिश्तों में मर्यादा हो 
कम हो न ज्यादा हो 
आधा तुम्हारा ,आधा मेरा 
पूरा हमारा हो ....

छोटी सी है जिन्दगी 
लम्बे -लम्बे रास्ते 
हर गम को गले लगाएं 
एक दूजे के वास्ते ......

             
          
               



37 comments:

  1. वाह....
    बहुत सुन्दर
    आधा तुम्हारा ,आधा मेरा
    पूरा हमारा हो ....
    आमीन!!!

    अनु

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  2. बहुत ही सुन्दर कविता,आभार.

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  3. अरे वाह ! बहुत सुन्दर । यह तो मेरी कविता की सगी बहन लग रही है । तभी अनु जी ने वहां कमेन्ट किया है मेरी कविता पर ।

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    1. chaliye isi bahane ik relation to bn hi gaya amit jee ...thanks ....

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  4. वाह !!! बहुत बढ़िया,उम्दा प्रस्तुति !!!

    Recent post: तुम्हारा चेहरा ,

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  5. बहुत बढ़िया .. पूर्णता पाते भाव

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  6. छोटी सी है जिन्दगी
    लम्बे -लम्बे रास्ते
    हर गम को गले लगाएं
    एक दूजे के वास्ते ....
    .............बहुत बढ़िया,
    बड़ी खूबसूरती से कही अपनी बात आपने.....
    पूरी कविता दिल को छू कर वही रहने की बात कह रही है जी,

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  7. आपसी, प्यार ओर समझदारी से जीवन कितना आसां हो जाता है ...
    दिल को छूने वाली रचना है ...

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    1. sahi bat kahi hai aapne naswa jee par pta nahi kyon logon ko ye bat samajh me nahi aati ......thanks ......

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार के "रेवडियाँ ले लो रेवडियाँ" (चर्चा मंच-1230) पर भी होगी!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  9. छोटी सी है जिन्दगी
    लम्बे -लम्बे रास्ते
    हर गम को गले लगाएं
    एक दूजे के वास्ते ......

    खुबसूरत अनुभूति लिए मन के आवेग

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  10. रिश्तों में मर्यादा हो
    कम हो न ज्यादा हो
    आधा तुम्हारा ,आधा मेरा
    पूरा हमारा हो .

    बहुत ही अच्छा संदेश।


    सादर

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  11. बहुत ही सुन्दर कविता..
    :-)

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  12. एक दूजे के लिए सकारात्मक भाव लिए चलो चलें दूर गगन की छाँव में .बढ़िया रचना .

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  13. छोटी सी है जिन्दगी
    लम्बे -लम्बे रास्ते
    हर गम को गले लगाएं
    एक दूजे के वास्ते .....बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति !
    डैश बोर्ड पर पाता हूँ आपकी रचना, अनुशरण कर ब्लॉग को
    अनुशरण कर मेरे ब्लॉग को अनुभव करे मेरी अनुभूति को
    latest postजीवन संध्या
    latest post परम्परा

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  14. छोटी सी है जिन्दगी
    लम्बे -लम्बे रास्ते
    हर गम को गले लगाएं
    एक दूजे के वास्ते ...... बहुत ही सुन्दर

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  15. रिश्तों में मर्यादा हो
    कम हो न ज्यादा हो
    आधा तुम्हारा ,आधा मेरा
    पूरा हमारा हो .

    इस तरह बन जाता है तेरे मेरे प्यार का अपना आशियाना !!

    बहूत खूब

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  16. एक दूजे के वास्ते ......
    सागर की लहरों के साथ
    थामें एक दूजे का हाथ
    चलो साथी चलें उस ओर ...जहाँ ....
    उन्मुक्त आकाश हो
    दिन हो या रात हो
    बुझे नहीं कभी मिलन से
    ऐसी अतृप्त प्यास हो .....

    सफर न अकेला हो ,शुभ भाव का मेला हो .बढ़िया रचना .

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  17. सहज, सरल, सर्वोत्त्कृष्ट, अत्युत्तम लेख बधाई हो
    हिन्‍दी तकनीकी क्षेत्र की रोचक और ज्ञानवर्धक जानकारियॉ प्राप्‍त करने के लिये इसे एक बार अवश्‍य देखें,
    लेख पसंद आने पर टिप्‍प्‍णी द्वारा अपनी बहुमूल्‍य राय से अवगत करायें, अनुसरण कर सहयोग भी प्रदान करें
    MY BIG GUIDE

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  18. भले आप किसी भी मार्ग पे चल रहें हों .गृहस्थ में रहके एडजस्ट करना ज़रूरी होता है .सबके साथ निभाओ ममत्व किसी के साथ न रखो यही जीते जी जीवन मुक्ति है .बढ़िया प्रस्तुति .

    छोटी सी है जिन्दगी
    लम्बे -लम्बे रास्ते
    हर गम को गले लगाएं
    एक दूजे के वास्ते ......

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  19. आपकी टिप्पणियाँ हमारे लिए बेशकीमती हैं .

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  20. रिश्तों में मर्यादा हो
    कम हो न ज्यादा हो
    आधा तुम्हारा ,आधा मेरा
    पूरा हमारा हो ...
    aapki abhivyakti itani umda hoti hai ki
    meri tippani jhijhak jaati hai
    upyukt shabd hi nahi milate

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    1. dhanyavad vibha jee ..bahut bahut aabhari hoon aapki,,,,

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  21. रिश्तों में मर्यादा हो
    कम हो न ज्यादा हो

    बहुत सुंदर , आजकल हम लोग ये ही भूल गए है की मर्यादा होती किया है,बिलकुल सही कहा

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  22. रिश्तों में मर्यादा हो
    कम हो न ज्यादा हो
    आधा तुम्हारा ,आधा मेरा
    पूरा हमारा हो .... sunder panktiyan.

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