Monday, 13 May 2013

मेरा आईना

मुझको मेरा आईना दिखाकर 
तुमने अच्छा काम किया 
भूल गई थी जिसको मैं                                              
उसको फिर पहचान लिया .....



11 comments:

  1. अच्छा लगा न खुद से मिल कर.....
    :-)
    मगर इसके लिए किसी और की मदद क्यूँ???

    अनु

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  2. kisi ka shap mila hoga mujhe bhi ....jaise hanumaan jee ko mila tha ....tab jamwant jee ne unhe unki shakti ki yaad dilaai thi ...dhanyavad anu jee ....aapki tipanni ka intjaar rahta hai mujhe ...

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    1. shrap ki baat nahi hai .......
      hum striya hoti hi hain aisi ....
      na to hamesha Kali ho sakati
      na hamesha Ahilya ..........

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    2. sahi bat ...vibha jee aapko bhi bahut-bahut dhanyavad ...aapki tippani prerna pradan karti hai ......

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  3. डॉ निशा महाराणा जी अक्षय तृतीया की शुभकामना
    हम जब खुद से बातें करतें हैं या जब कोई हमें आईना दिखाता है
    हैरान न हो कोई गैर नहीं हमें हमारा ही भुला अक्श नज़र आता है

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  4. sahi bat hai .....jimmedariyon me ulajh kar pta hi nahi chalta hai ki kahan aa gaye ham ..jab kisi ki bat hmaare dil ko chot pahuchati hai tb hmen pta chalta hai ki rishte ko nibhane ke chakkar me hm apni originalti tak kho chuke hain ...hm kya the aur kya bna diya logon ne tam dil ko gawara nahi hota aur wo sr uthata hai ....dhanyavad singh sahab .....aapki tippani bahumulya hai ..mere liye .....

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  5. बहुत सुन्‍दर रचना, खुद को पहचानने का अच्‍छा तरीका है
    हिन्‍दी तकनीकी क्षेत्र कुछ नया और रोचक पढने और जानने की इच्‍छा है तो इसे एक बार अवश्‍य देखें,
    लेख पसंद आने पर टिप्‍प्‍णी द्वारा अपनी बहुमूल्‍य राय से अवगत करायें, अनुसरण कर सहयोग भी प्रदान करें
    MY BIG GUIDE

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  6. कभी कभी सच का आइना भी सुखद होता है.सुन्दर प्रस्तुति.

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  7. बेहतरीन


    सादर

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  8. बहुत सुन्दर् प्रस्तुति...

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