ब्लागर साथियों आज मेरी मौसी की तेरहवीं है ....हालाँकि किसी कारणवश मैं नहीं जा सकी ..
मौसी के गाँव ..उनके लिए समर्पित है मेरी ये कविता .....मेरी मौसी कैंसर की मरीज थीं ...एक पैर कटा होने की वजह से वो व्हीलचेयर का उपयोग करती थीं ..मैंने उनके चेहरे पर कभी शिकन तक नहीं देखा था ..हमेशा हँसती रहती थीं ....जिन्दगी ..जिन्दादिली से जीने का हीं नाम है ..इसलिए उनकी मौत पर मैंने एक भी आँसू नहीं बहने दिया .....मेरी माँ की अन्तिम बहन थीं जो
माँ की कमी पूरी कर देतीं थीं ...खैर मौत तो चिरंतन सत्य है ..इसे कौन रोक सका है ..भगवान् उनकी आत्मा को शांति दे ..इसी कामना के साथ मै अपनी मौसी की जीवटता को सलाम करती हूँ ....उनके जैसे जीवन जी सकूँ .....ऐसा हमेशा कोशिश करती हूँ ......
जिन्दगी इक गीत है
ऐ मुसाफिर गाये जा
जीत हो या हार हो
जश्न ...तू मनाये जा ....
कल थे जो आज नहीं हैं
आज हैं जो कल न होंगे
मत उलझ इस जाल में तू
परिवर्तन को अपनाए जा
जिन्दगी इक गीत है
ऐ मुसाफिर गाये जा ......
जीवन के सम्बन्ध सारे
माना तुमको थे सारे प्यारे
गम न कर उनके लिए तू
आगे कदम बढाए जा ..
जिन्दगी इक गीत है
ऐ मुसाफिर गाये जा
छाँहमयी पेड़ उखड गए तो ?
कोंपलें भी आएगी
कुहूकेगी उस पर कोयल
बुलबुल फिर से गाएगी ..
छाँह छीन गया है तेरा
तू छाँह बन लहराए जा
जिन्दगी इक गीत है
ऐ मुसाफिर गाये जा ...
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
ReplyDeleteमौत तो चिरंतन सत्य है, आ
ना जाना लगा रहेगा चाहे किसी भी रुप में हो।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
ReplyDeleteसाझा करने के लिए आभार...!
--
मौसी जी को नमन...!
ईश्वर आपकी मौसी की आत्मा को शांती प्रदान करे,,,
ReplyDeleteबहुत उम्दा अभिव्यक्ति,सुंदर रचना,,,
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mausi ji ko bhavbhini shraddhanjli, manobal aur utsah ko pankh lagati prastuti,sadar
ReplyDeleteआना - जाना जीवन है, जो आया है वो जायेगा... हम सब मुसाफिर हैं बस चलते जाना है...
ReplyDeleteजिन्दगी इक गीत है
ReplyDeleteऐ मुसाफिर गाये जा ...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!मौसी जी को नमन...!
मौसीजी की आत्मा की शांति के लिए पार्थना करती हूँ ...!!सच ही लिखा है आपने ...!!
ReplyDeleteमौसी के लिए सही श्रद्धांजलि दिया है .बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति .उनकी आत्मा को शांति मिले
ReplyDeletelatest post तुम अनन्त
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जीवन की गहन अनुभूति
शोक की घड़ी में मेरी संवेदनाएं ... जीवन के प्रति सही दृष्टिकोण
ReplyDeleteसुन्दर भावाभिव्यक्ति...आपकी दिवंगत मौसी जी को हार्दिक श्रद्धांजलि
ReplyDeleteमौंसी जी को सादर श्रद्धांजलि
ReplyDeleteजिन्दगी इक गीत है, ऐ मुसाफिर गाये जा ...
उनके जीवट को सलाम ,जो जीवन मिला इस जन्म में सहर्ष जीया ,चुक्तु हुए कर्म भोग अब आगे की सुध ले ,हो जहां भी मौसी प्रसन्न रहें खुश रहें नव जन्म में नव चोले मी .ॐ शान्ति .
ReplyDeleteजिन्दगी इक गीत है
ReplyDeleteऐ मुसाफिर गाये जा ...
....यही जीवन का सत्य है...मौसी जी को नमन..
श्रधांजलि है मेरी ...
ReplyDeleteजीवन चलता रहता है ... मुसाफिर की तरह सब आते जाते हैं ... बस यादें ही रह जाती हैं ...
सुंदर भावाभिव्यक्ति।
ReplyDeleteमौत तो चिरंतन सत्य है, आ
ना जाना लगा रहेगा चाहे किसी भी रुप में हो।
ललित भाई के टिपण्णी से सहमत
मेरी विनम्र श्रद्धांजली
मौसी की आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनिट हम अपने आत्म स्वरूप में स्थित हो ,अपने को शांत स्वरूप ,आनंद स्वरूप आत्मा समझ शिव से ऊर्जा ले मौसी को दें ,प्रसन्न रहें जहां रहें .ॐ शान्ति .
ReplyDeleteसंवेदना!
ReplyDeleteसुन्दर गीत ..
ReplyDeleteआना-जाना तो है ही,पर उत्स्सः से आये और जाएँ तो अच्छी बात है .... मौसी जी की आत्मा को नमन
ReplyDeleteविनम्र नमन....
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