Saturday 3 November 2012

भावों के मोती

दिल के अन्तः पुर में,.......

 भावों के मोती ...
 
नैनन के अँसुवन में

सजनी पिरोती .........





ब्लोगर ......साथियों

हम सभी जानते हैं की

जीवन साथी से    वफादारी

के मामले में पशु-पक्षी हमसे

आगे हैं .......पर  अब वो भी  हमको देख

बिगड़ने लगे हैं  ......उनकी ... नाराजगी ...को

दर्शा रही मेरी ...कविता की ये पंक्तियाँ .....                           

देखिये  सारस और  हरे कबूतर के इन जोड़ों के 

माध्यम से और संभल जाइए .......

नहीं तो .????????????????....

.. अब सजनी नहीं ...

सजना के आँखों में आंसू होंगे !

प्रदुषण बड़ा ख़राब होता है ....

अत: प्रदूषणमुक्त पर्यावरण बनाना हमारी जिम्मेदारी है ....धन्यवाद ...

30 comments:

  1. सार्थक संदेश देती पोस्ट

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  2. संदेश देती सुन्दर रचना

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  3. बहुत बढ़िया |
    शुभकामनायें आदरेया ||

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  4. सुंदर सन्देश लिए पंक्तियाँ

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  5. सही है, प्रदूषण ने सभी जीव-जंतुओं की स्वाभाविक जीवनचर्या को प्रभावित किया है।

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  6. सही कहा..प्रदूषण के कारण ही सभी परेशान है..सुंदर सन्देश

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  7. ओह... सचमुच प्रदूषण बहुत ख़राब होता है...

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  8. संदेश देती पोस्ट

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  9. अब तो सम्हलना ही पडेगा,,,,,वर्ना ,,,,,
    प्रेरक संदेश देती बेहतरीन प्रस्तुति,,,,,,,

    RECENT POST : समय की पुकार है,

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  10. सहज भावों वाली सुंदर कविता....

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  11. सार्थक सन्देश देते सच्चे मोतियों की माला पहना दी आपने ब्लॉग जगत को शुक्रिया ..

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  12. बहुत ख़ूब!
    आपकी यह सुन्दर प्रविष्टि आज दिनांक 05-11-2012 को सोमवारीय चर्चामंच-1054 पर लिंक की जा रही है। सादर सूचनार्थ

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  13. बेहतर भावाभिव्यक्ति ...!

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    1. dhanyavad kewalram jee aap mere blog par aaye ....dil udas to nahi hua ? muskuraane ke liye maine saras aur kabutar ke jode ka sahara liya ...

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  14. भावपूर्ण अभिव्यक्ति बहुत सुन्दर लगी

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  15. हमें सजग होना ही होगा..

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  16. वाह ... बहुत ही बढिया।

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  17. सचेत कर दिया आपने आगे उनकी मर्जी सुधरें न सुधरें .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .पशुओं का प्रेम अनन्य होता है .

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  18. दिल के कोटर में छिपे, माणिक-मोती-रत्न।
    इन्हें खोजने के लिए, करना कुछ प्रयत्न।।

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  19. बहुत सार्थक बात कही आपने ,सावधान हो जाना चाहिये.

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  20. सार्थक सन्देश .. जल्दी ही सचेत होना जरूरी है ...

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