Monday 29 October 2012

ओ बंजारे

भवसागर के गहन भँवर में
नश्वर जीवन के इस क्रम में
प्रफुल्ल रहा करते हो ......
गठरी दौलत की नहीं है ...तभी ......
जहाँ -तहां विचरते हो !

नहीं चाह है किसी ख्याति की
नहीं फिकर है किसी आन की
चाहे कोई धता दे ......
ऐसे कैसे जी लेते हो ?
ओ बंजारे मुझे बता दे ...


नभ की असीमता को
नयनों में भरकर
हिंसक जीवों को बनाकर सहचर
निर्भय तुम  सोते हो
मुझे बता दो ओ  बंजारे
खुद का गम कैसे पीते हो ?

आज यहाँ ..
कल पता नहीं ...
कहाँ होगा ठिकाना ?
तेरी खुशियाँ ..
तेरे ग़मों को
किसने है पहचाना ?

नित नई जमीं बनाकर
आगे को बढ़ जाते हो
मुझे बता दो ओ बंजारे
कैसे उन्हें भूल पाते हो ?

हरपल  नए ख़्वाबों में खोऊ
खवाब टूटे तो कभी न रोऊँ
वो मूलमंत्र बतला दो
जैसे भूल जाते हो सबकुछ
मुझको भी सिखला दो ....


जीवन तेरा जीवन है
बेख़ौफ़ घुमा  करते हो
राह की बाधाओं से
दो -चार किया करते हो ....

जहाँ -जहाँ शाम मिले राहों में
डाल देते हो वहीँ डेरा
किसके तुम मनमीत हो ?
कौन मनमीत है तेरा ?

चलकर जिसके संग तुम
जश्न जीत की मनाते हो
ख़ुशी के पल हों या ..
दुःख के पल हों ...
झूम-झूम के गाते हो ..

कैसे गाना गाते हो ?
वो संगीत मुझे सिखा दो
ओ  बंजारे अपने दिल के ..
सारे राज बता दो .......बताओगे ??????????????????
है हिम्मत ?


30 comments:

  1. प्रेरित करती सुन्दर पंक्तियाँ ।

    आभार आदरेया --

    जारा अपना तन बदन, जारी अपनी चाह ।

    चला काफिला जा रहा, पकडे सीधी राह ।

    पकडे सीधी राह, जिन्दगी हमें छली है ।

    काम क्रोध मद त्याग, लालसा बड़ी खली है ।

    कला गीत संगीत, आपसी भाई चारा ।

    चीजे ये अनमोल, लिए गाये बंजारा ।।

    ReplyDelete
    Replies
    1. dhanyavad sir aap bahut acchi dippani karte hai .ikdm laajvaab ...

      Delete
  2. jab jab in banjaron ko dekhte hain aisi hi soche ek baar ko to man-o-mastishk k dwar khat-khatati to hain....aaj un socho ko shabd de diye.

    ReplyDelete
    Replies
    1. chaliye mera likhna sarthak hua anamika jee ....bahut-bahut dhanyavad nd aabhar ..

      Delete
  3. सबसे दौलतमंद वो है जिसके पास खोने को कुछ नहीं है...न दौलत, न शोहरत न तथाकथित इज्जत!! यही वजह है कि बंजारों के पास प्रफुल्लता की खान है....

    ReplyDelete
    Replies
    1. sahi bat hai sir ....mai bhi khud ko banjaara hi samajhti hoon tabhi to itni khush rahti hoon ...n yahan meri koi pahchan hai n hi bihar men .....par asli wala banjaara jiyada khush rahta hai main waisee hi banna chahti hoon ....bahut -bahut dhanyavad nd aabhar aapke motivational tippani ke liye ....

      Delete
  4. बहुत ही अच्‍छी प्रस्‍तुति

    ReplyDelete
  5. नहीं चाह है किसी ख्याति की
    नहीं फिकर है किसी आन की
    चाहे कोई धता दे ......
    ऐसे कैसे जी लेते हो ?
    ओ बंजारे मुझे बता दे ...
    ................................... जीवन क्षणभंगुर है,आसमान ही छत और धरती बसेरा है .... इस सत्य को मानकर जी लेते हैं

    ReplyDelete
    Replies
    1. par kitna mushkil hai is satya ko maanna rashmi jee ??? hai na ?

      Delete
  6. सही है ..
    कुछ नहीं होकर भी सबकुछ है उनके पास.

    ReplyDelete
  7. पर अब नई पीढ़ी के बंजारे लुप्त होते जा रहे है ....पहले आते जाते सडक किनारे बंजारे देखने को मिल जाते थे .......पर अब नहीं ?

    ReplyDelete
  8. बंजाड़ों का जीवन बड़ा प्रेरक होता है।

    ReplyDelete
  9. बंजारों से जीवन रहस्य सीखना चाहिए .... जो कुछ है वो बस आज है .... कल का किसने देखा है ... सुंदर और प्रेरक रचना

    ReplyDelete
  10. भवसागर के गहन भँवर में
    नश्वर जीवन के इस क्रम में
    प्रफुल्ल रहा करते हो ......
    गठरी दौलत की नहीं है ...तभी ......
    जहाँ -तहां विचरते हो !
    जय श्री राधे आदरणीया निशा जी ...खुश रहने की चाह वाले वाले ढूंढ ही लेते हैं जीवन की टेढ़ी मेढ़ी राहों में खुशियों का अम्बार ...और उधर घोटाले और रूपयों पर सोने वाले रोगी दोषी बिन खाए मर जाते हैं
    भ्रमर ५

    ReplyDelete
  11. हम सब जीने वालो को जीने की राह बताए,,,,एक बंजारा गाये,,प्रेरक प्रस्तुति,,,,,

    RECENT POST LINK...: खता,,,

    ReplyDelete
  12. नित नई जमीं बनाकर
    आगे को बढ़ जाते हो
    मुझे बता दो ओ बंजारे
    कैसे उन्हें भूल पाते हो ?

    वाह...
    बहुत सुन्दर..

    सस्नेह
    अनु

    ReplyDelete
  13. बेहतरीन अंदाज़ में सच्ची बात कहती कविता।

    ReplyDelete
  14. हम बाजारों की बात मत पूछो जी...
    जो प्यार किया तो प्यार किया
    जो नफरत की तो नफरत की...

    ऐशोआराम में रहने वालों को बंजारों का जीवन आकृष्ट करता है...और बंजारों को दीन-दुनिया से कुछ लेना ही नहीं है...सुन्दर रचना...

    ReplyDelete
  15. बहुत ही सुंदर शब्दों में लिखी बेमिसाल रचना.बहुत बधाई आपको .

    ReplyDelete
  16. बहुत ही अच्‍छी अभिव्‍यक्ति..

    ReplyDelete