Monday, 22 October 2012

जाना है बड़ी दूर

चले थे मंजिल की तलाश में
राह  की रंगीनियों में खो बैठे
प्यार मंजिल से करना था
प्यार रास्ते से कर बैठे ......


समय कम है
आँखें नम हैं
दिल है बहुत अधीर
मत उलझो किसी राह में ......अभी ...
जाना है बड़ी दूर ....


राह को साथी बना कर
नादाँ  दिल को समझाकर
आगे हर पल बढ़ना होगा
अगर चाहिए तुम्हे सुकूं तो ???
मंज़िल तक चलना ही होगा .....
मंजिल तक चलना ही होगा ...

24 comments:

  1. बहुत ही अच्छा संदेश देती कविता


    सादर

    ReplyDelete
  2. ऐसा अक्सर होता है जीवन में .....हम अपनी मंजिल भूलकर ..हर उस शै से प्यार करने लगते हैं ...जो रास्ते में लुभाती है ...नतीजतन ....हम भटक जाते हैं......सुन्दर अभिव्यक्ति

    ReplyDelete
  3. जय माँ |
    शुभकामनायें ||

    ReplyDelete
  4. अगर चाहिए तुम्हे सुकूं तो,
    मंज़िल तक चलना ही होगा ....उम्दा प्रस्तुति,,,

    RECENT POST : ऐ माता तेरे बेटे हम

    ReplyDelete
  5. समय कम है
    आँखें नम हैं
    दिल है बहुत अधीर
    मत उलझो किसी राह में ......अभी ...
    जाना है बड़ी दूर
    मनभावन सौद्देश्य पंक्तियाँ .....

    ReplyDelete

  6. समय कम है
    आँखें नम हैं
    दिल है बहुत अधीर
    मत उलझो किसी राह में ......अभी ...
    जाना है बड़ी दूर ....
    ..........
    कोई गीत गाओ , थोड़ी थकान कम हो

    ReplyDelete
  7. सुन्दर अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete
  8. अरे.... राह से प्यार किया और मंजिल न भी मिली तो कोई गिला नहीं :-)

    अनु

    ReplyDelete
  9. मंजिल तक चलना ही होगा !
    भावपूर्ण !

    ReplyDelete
  10. अगर चाहिए तुम्हे सुकूं तो,
    मंज़िल तक चलना ही होगा ...बहुत सुन्दर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...

    ReplyDelete

  11. राह को साथी बना कर
    नादाँ दिल को समझाकर
    आगे हर पल बढ़ना होगा
    अगर चाहिए तुम्हे सुकूं तो ???
    मंज़िल तक चलना ही होगा .....
    मंजिल तक चलना ही होगा ...
    सुन्दर सन्देश देती रचना....
    :-)

    ReplyDelete
  12. समय कम है
    आँखें नम हैं
    दिल है बहुत अधीर
    मत उलझो किसी राह में ......अभी ...
    जाना है बड़ी दूर ....

    सन्देश पहुंचाती मनोभाव

    ReplyDelete
  13. raahon se pyar karoge to manzil paaoge kaise
    man ko samjha hi lo to behtar hai varna manzil tak chal paoge kaise ?????

    khoobsurat nazm.

    ReplyDelete
  14. प्यार मंजिल से करना था
    प्यार रास्ते से कर बैठे ......

    वाकई यूँ ही भटक जाते हैं रास्ते से लोग

    ReplyDelete
  15. हाँ रास्ते ही तो रस्ता रोकतें हैं ,अतीत में ले जातें हैं ,आगे का बहाव रोकते हैं इनका अतिक्रमण करना आगे बढ़ने के लिए बहुत ज़रूरी है .बेशक इन रास्तों पर कभी तुम भी थे ,पर मेरे दोस्त रास्ते कब रुकतें हैं

    चलते रहतें हैं उस वक्त भी जब हम तुम सोते हैं .मंजिल तक यही तो ले जाते हैं .नै भोर लाते हैं .बढिया रचना .बधाई पुनश्चय :.

    ReplyDelete
  16. Manzilon mein kahan maza hai unhe, jo raahon se mohabbat karte hain... nahi manzilon ki talaaz mujhe, mujhe raaste se pyaar hai..
    sundar abhivyakti..
    Sadaar
    Madhuresh

    ReplyDelete
  17. यूँ ही चलना तो जीवन हैं .......सादर

    ReplyDelete
  18. समय कम है
    आँखें नम हैं
    दिल है बहुत अधीर
    मत उलझो किसी राह में ......अभी ...
    जाना है बड़ी दूर ....बहुत उम्दा प्रस्तुति,,,,


    RECENT POST LINK ...: विजयादशमी,,,

    ReplyDelete
  19. राह को साथी बना कर
    नादाँ दिल को समझाकर
    आगे हर पल बढ़ना होगा
    अगर चाहिए तुम्हे सुकूं तो ???
    मंज़िल तक चलना ही होगा .....
    मंजिल तक चलना ही होगा ...

    aapke ashish ke milne ka intzaar hai.

    meri post


    चार दिन ज़िन्दगी के .......
    बस यूँ ही चलते जाना है !!

    ReplyDelete
  20. पथिक को पथ के साथ बढ़ते रहना चाहिए।

    ReplyDelete
  21. सकारात्मक भाव -ऊर्जा उड़ेलती है यह रचना .मेरे ब्लॉग पे आके टिपण्णी करने के लिए आभार .

    ReplyDelete
  22. वाह उम्दा भाव बेहतरीन प्रस्तुति बधाई स्वीकारें !
    आज आपके ब्लॉग पर बहुत दिनों बाद आना हुआ अल्प कालीन व्यस्तता के चलते मैं चाह कर भी आपकी रचनाएँ नहीं पढ़ पाया. व्यस्तता अभी बनी हुई है लेकिन मात्रा कम हो गयी है.....:-)

    ReplyDelete