कहा बाती ने दीये से
साथी! मत हो तुम उदास
जब तक जान रहेगी मुझमें
रहूँगी तेरे साथ........
सुन बाती का संकल्प
तम मुस्कुराया
पलक झपकते उजियारे ने
अपना पर फैलाया,,,,,
दिवाली के दीये की भाँति आप भी हमेशा खुशियों
का उजाला फैलायें ताकि तम - रुपी दुःख-दर्द आप से दूर रहे। दीप -पर्व के इस अवसर पर आपको बहुत -बहुत शुभकामनाएँ।
साथी! मत हो तुम उदास
जब तक जान रहेगी मुझमें
रहूँगी तेरे साथ........
सुन बाती का संकल्प
तम मुस्कुराया
पलक झपकते उजियारे ने
अपना पर फैलाया,,,,,
दिवाली के दीये की भाँति आप भी हमेशा खुशियों
का उजाला फैलायें ताकि तम - रुपी दुःख-दर्द आप से दूर रहे। दीप -पर्व के इस अवसर पर आपको बहुत -बहुत शुभकामनाएँ।
धन्यवाद राजेंद्र जी ....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteप्रकाशोत्सव के महा पर्व दीपावली की शृंखला में
पंच पर्वों की आपको शुभकामनाएँ।
प्यारी कविता , हैप्पी दिवाली
ReplyDeleteसुंदर ।
ReplyDeleteआपको भी सपरिवार दीपोत्सव शुभ हो मंगलमय हो ।
बहुत सुन्दर .दीपक संकल्प सिखाता है प्रेरित करता है
ReplyDeleteबहुत ही खुबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeleteआपको भी सपरिवार दीपोत्सव शुभ हो मंगलमय हो ..
Sunder bhaaw rachna ke...umda prastuti..diwali ki shubhkamna aapko !!
ReplyDeleteकम शब्दों में बड़ी सुन्दर बात ...
ReplyDeleteकुछ शब्दों में गहरी बात ...
ReplyDeleteदीपावली की हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ...
Respected Madam
ReplyDeleteHappy Diwali wishes to you and your family members.
Madam please look into my Diwali message Lamps of India which i posted in my Heritage of India and share your valuable comments in english.
http://indian-heritage-and-culture.blogspot.in/2013/09/lamps-of-india.html