1.
स्वार्थी मन
तोड़ देता सम्बन्ध
जानबूझकर ........
2.
व्याकुल मन
निस्तब्ध निशा
आत्मविस्मृति के क्षण ......
3.
युगों की भटकन
मन की उलझन
रुह में समाई .......
4.
जीवन संघर्ष
बोझिल है मन
भटके नयन ......
5.
पुरानी पहचान
दिल में उफान
उदास है मन ......
6.
दुविधाग्रस्त मन
सच्चाई को
देख न पाए ..........
7.
अतीत के गलियारे में
भटक रहा मन
ये क्या हो गया ?
मानसिक धुंध के सटीक भाव चित्र उकेरे हैं आपने .बधाई .
ReplyDeleteमन के भावों की सटीक अभिव्यक्ति,,,बधाई
ReplyDeleteRECENT POST: रिश्वत लिए वगैर...
टुकड़े टुकड़े एहसासों के गहरे अर्थ
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टि की चर्चा कल रविवार 10-फरवरी-13 को चर्चा मंच पर की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है.
ReplyDeletedhanyavad arun jee...
Deleteमन ही मन
ReplyDeleteगुन रहे हैं हम
मन के भाव .....
बहुत सुंदर हाइकु ।
dhanyavad sangeeta jee main aapka intjaar bahut dinon se kar rahi thi ...
Deleteअपने दर्द को चन्द शब्दों टुकड़ो में समेट दिया
ReplyDeleteबहुत खूब निशा जी
इस जरुरत का मैं कारण पूछ सकता हूँ निशा जी
ReplyDeleteआपका बहुत बहुत आभार
vaise to bahut saare karan hain dinesh jee par ik sabse bada karan yah hai ki
Deleteabhi november 30th ko meri didi ki death ho gai hai ....ye pankti ...ki...jo likha hai jarur hoga ......kabhi shikwa nahi karna .......ne ...mere dil ko thodi shakti deee... vaise practicalli bhi bahut sari panktiyaan acchi thi jaise....bharosa bhi jaruri hai ..par sabka nahi karna ......real men bahut accha likha hai thanks mere dil ki bat bhi likhne ke liye ....
अपने दर्द को चन्द शब्दों टुकड़ो में समेट दिया
ReplyDeleteबहुत खूब निशा जी
अर्थपूर्ण हाइकु
ReplyDeleteबहुत ही गहरे अर्थ लिए ... सभी हाइकू लाजवाब ...
ReplyDeleteमनोभावों की गहन प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर क्षणिकाएं |आभार निशा जी |
ReplyDeletesundar kshanikayen..
ReplyDelete.बहुत शानदार प्रस्तुति है भाषिक प्रभा लिए अर्थ छटा लिए .
ReplyDeleteबढ़िया भाव कणिकाएं .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .पुराने हस्ताक्षर जब ब्लॉग पे लौट के आते हैं और भी अच्छा लगता है .
बढ़िया भाव कणिकाएं .शुक्रिया आपकी टिपण्णी का .पुराने हस्ताक्षर जब ब्लॉग पे लौट के आते हैं और भी अच्छा लगता है .
ReplyDeleteअर्थपूर्ण क्षणिकाएं
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ReplyDeleteशुक्रिया आपकी टिपण्णी का .मुबारक प्रेम दिवस ,दाम्पत्य प्रेम ,ब्लोगिंग प्रेम .
दुविधाग्रस्त मन
सच्चाई को
देख न पाए ..........
यथार्थ से संवाद करती भाव कनिका .
sunder abhivyakti.
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