Thursday, 14 February 2013

यही तो प्यार है ......



मैंने पेड़ की जड़ से पूछा ..


.तुम ..किस से प्यार करती  हो ?
उसने कहा तने से ....
तने से पूछा ..तुम किस से प्यार करते हो......
उसने कहा शाखाओं से,.....
शाखाओं से पूछा कि तुम्हारा प्यार कौन है तो ,.....
उसने बताया कि उसका प्यार है ....पत्ते ,...
पत्ते से पूछा तो उसने बताया कि वो फूलों से प्यार करता है ....
मैंने फूलों से पूछा तो उसने कहा कि वो जड़,तना ,शाखाओं  पत्ते और काँटें सभी से प्यार करता है ,......तभी  तो  हरदम हँसता  रहता है ......फूलों की  हंसी 
का राज मेरी  समझ में आया .....
जीवन कैसे जीते हैं .....फूलों ने समझाया ......
आइए प्रेम दिवस के इस अवसर पर फूलों से सीख लें ....
खुद भी हँसे औरों को भी हँसाए,...... यही तो प्यार है ......

happy valentine day........

14 comments:

  1. फूल जीवन जीना सिखाते हैं ,निस्संदेह !

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  2. फूलों के खिलखिलाने का राज जड़ों में है !
    सुन्दर रचना !

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (16-02-2013) के चर्चा मंच-1157 (बिना किसी को ख़बर किये) पर भी होगी!
    --
    कभी-कभी मैं सोचता हूँ कि चर्चा में स्थान पाने वाले ब्लॉगर्स को मैं सूचना क्यों भेजता हूँ कि उनकी प्रविष्टि की चर्चा चर्चा मंच पर है। लेकिन तभी अन्तर्मन से आवाज आती है कि मैं जो कुछ कर रहा हूँ वह सही कर रहा हूँ। क्योंकि इसका एक कारण तो यह है कि इससे लिंक सत्यापित हो जाते हैं और दूसरा कारण यह है कि किसी पत्रिका या साइट पर यदि किसी का लिंक लिया जाता है उसको सूचित करना व्यवस्थापक का कर्तव्य होता है।
    सादर...!
    बसन्त पञ्चमी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ!
    सूचनार्थ!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. thanks nd aabhar shastri jee.....khabar jarur karen tabhi to hamen pta chalega.......

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  4. आइए प्रेम दिवस के इस अवसर पर फूलों से सीख लें ....
    खुद भी हँसे औरों को भी हँसाए,...... यही तो प्यार है !

    ................बेहतरीन रचना देने के लिए आभार
    बसंत पंचमी की शुभकामनाएँ !!!

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  5. सुन्दर प्रस्तुति |
    आभार आदरेया |
    सादर नमन

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  6. बहुत सुंदर प्रस्तुति निशा जी ....
    हार्दिक शुभकामनायें ...!!

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  7. दर्शन की बात जंगल जंगल फूल खिला है ...छोटी बातों में गूंथा निकल आता है बड़ा दर्शन बढ़िया प्रस्तुति .

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  8. सुन्दर प्रस्तुति |
    http://guzarish6688.blogspot.in/

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  9. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति |

    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  10. ♥✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥❀♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿♥
    ♥बसंत-पंचमी की हार्दिक बधाइयां एवं शुभकामनाएं !♥
    ♥✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥❀♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿♥



    फूलों से सीख लें....
    खुद भी हँसे औरों को भी हँसाए......

    यही तो प्यार है......

    हां , यही तो प्यार है !

    आदरणीय डॉ. निशा महाराणा जी
    सुंदर सहज कविता के लिए आभार !!


    संपूर्ण बसंत ऋतु सहित
    सभी उत्सवों-मंगलदिवसों के लिए
    हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं-मंगलकामनाएं !
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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  11. समग्रता से जीती सुन्दर रचना के लिए बधाई

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