Monday, 25 June 2012

क्षणिकाएँ

ब्लोगर साथियों थोडा ब्रेक लेती हूँ .....यात्रा की बातें अगली कड़ी में आज .........कुछ क्षणिकाएँ .....

जग से लड़ना
छोड़ दिया
खुद से लडूंगी ....


मत तोड़ो
दुःख होगा
सच कहती हूँ ......


छोटी सी ये जिन्दगी
छल से तुम्हारी
लंबी हो गई .....


खुशियाँ देनी चाही मैंने
तुमने पर्वत सा
गम दे दिया ....



मन के मीत
मेरे जीवन संगीत
भूल मत जाना .....



ये रात ,ये दिन
कटते नही
तुम बिन ....


तुम आये
बहार आई
दिल ने गाया 
आँखें मुस्कुराई .....


मै तो नहीं भूली
तुम भूल जाओ
दू:खी हुई मै
तुम मुस्कुराओ .....

40 comments:

  1. सुंदर क्षणिकायें ...

    ReplyDelete
  2. छोटी सी ये जिन्दगी
    छल से तुम्हारी
    लंबी हो गई .....

    बहुत बढ़िया ...सभी क्षणिकाएं अच्छी लगीं

    ReplyDelete
  3. सारगर्भित व सरल क्षणिकाएँ हैं..गहरे तक जाती हुई..

    ReplyDelete
  4. ये रात ,ये दिन
    कटते नही
    तुम बिन ....
    .....बहुत ही ख़ूबसूरत हैं..!

    ReplyDelete
  5. सभी एक से बढ़ कर एक क्षणिकाएँ हैं निशा जी ! क्या कहने ! बहुत ही सुन्दर !

    ReplyDelete
  6. छोटी सी ये जिन्दगी
    छल से तुम्हारी
    लंबी हो गई .....खामोश उदासी

    ReplyDelete
  7. क्षणिकाएं देती सजा, निशा करे आराम ।

    लो पाठक इनका मजा, यात्रा बाद विराम ।

    यात्रा बाद विराम, तोड़ वृत्तांत लिखूँगी ।

    कल से फिर अविराम, आपके संग दिखूंगी ।

    छल-पर्वत संगीत, रात दिन दुःख भरमाये ।

    बहुत बहुत आभार, बड़ी सुन्दर क्षणिकाएं ।

    ReplyDelete
  8. वाह ... लाज़वाब प्रस्‍तुति

    कल 27/06/2012 को आपकी इस पोस्‍ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.

    आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!


    ''आज कुछ बातें कर लें''

    ReplyDelete
  9. वाह: सभी क्षणिकाएँ बहुत सार्थक हैं

    ReplyDelete
  10. क्या दृष्टिकोण है हर क्षणिका में... वाह! बहुत सुंदर...
    सादर।

    ReplyDelete
  11. बहुत बढ़िया!

    ReplyDelete
  12. छोटी सी ये जिन्दगी
    छल से तुम्हारी
    लंबी हो गई .....

    Bahut Sunder

    ReplyDelete
  13. मत तोड़ो
    दुःख होगा
    सच कहती हूँ ......


    यकीनन दुःख होगा.
    बहुत सुन्दर

    ReplyDelete
  14. मन को छूती क्षणिकायें.. सुन्दर.

    ReplyDelete
  15. कोमल भावनाओं में रची-बसी सुंदर क्षणिकायें ...

    ReplyDelete
  16. ये रात ,ये दिन
    कटते नही
    तुम बिन ....
    .....बहुत ही ख़ूबसूरत हैं....

    ReplyDelete
  17. बहुत बढ़िया क्षणिकाएँ.

    ReplyDelete
  18. सुन्दर भाव कणिकाएं हम यही कहेंगे -आओ प्रभात जल्दी आओ ,मंद मंद मुस्काओ ,नया सवेरा छिट्काओ....

    ReplyDelete
  19. क्षणिकाओं में हाथ दिखाओ ,कुछ नूतन करके दिखलाओ ....

    ReplyDelete
  20. बहुत अच्छी प्रस्तुति,,,सुंदर क्षणिकाए,,,,

    MY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बहुत बहुत आभार ,,

    ReplyDelete
  21. सभी क्षणिकाएं बहुत अच्छी लगीं।
    खास तौर पर ये-

    छोटी सी ये जिन्दगी
    छल से तुम्हारी
    लंबी हो गई

    ReplyDelete
  22. आपकी सुन्दर क्षणिकाएं पढकर
    मन बहुत प्रसन्न हो गया है.
    चंद शब्दों में गहन बातें.

    ReplyDelete
  23. बहुत सुन्दर ....प्यारी प्यारी क्षणिकाएं....

    अनु

    ReplyDelete
  24. देखन मे छोटन लगे, घाव करे गंभीर

    गंभीर अर्थ लिए क्षणिकाएं
    बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  25. छोटी सी ये जिन्दगी
    छल से तुम्हारी
    लंबी हो गई .....

    ...लाज़वाब ! सभी क्षणिकाएं बहुत सुन्दर....

    ReplyDelete
  26. I read your post interesting and informative. I am doing research on bloggers who use effectively blog for disseminate information.My Thesis titled as "Study on Blogging Pattern Of Selected Bloggers(Indians)".I glad if u wish to participate in my research.Please contact me through mail. Thank you.

    http://priyarajan-naga.blogspot.in/2012/06/study-on-blogging-pattern-of-selected.html

    ReplyDelete
  27. सुंदर क्षणिकायें ...

    ReplyDelete
  28. सभी क्षणिकाओं में मन के अच्छे भाव व्यक्त किए गए हैं।

    ReplyDelete
  29. यह ब्रेक तो ज्यादा हो गया ...

    ReplyDelete
  30. जल्दी से ब्रेक तोडिये,बहुत हो गया रोस्ट
    सुन्दर सा लिख डालिए,कर दीजिए पोस्ट,,,,,

    RECENT POST...: दोहे,,,,

    ReplyDelete
  31. सभी क्षणिकाएं बहुत सुन्दर.
    http://madan-saxena.blogspot.in/
    http://mmsaxena.blogspot.in/
    http://madanmohansaxena.blogspot.in/

    ReplyDelete