ब्लोगर साथियों थोडा ब्रेक लेती हूँ .....यात्रा की बातें अगली कड़ी में आज .........कुछ क्षणिकाएँ .....
जग से लड़ना
जग से लड़ना
खुद से लडूंगी ....
मत तोड़ो
दुःख होगा
सच कहती हूँ ......
छोटी सी ये जिन्दगी
छल से तुम्हारी
लंबी हो गई .....
खुशियाँ देनी चाही मैंने
तुमने पर्वत सा
गम दे दिया ....
मन के मीत
मेरे जीवन संगीत
भूल मत जाना .....
ये रात ,ये दिन
कटते नही
तुम बिन ....
तुम आये
बहार आई
दिल ने गाया
आँखें मुस्कुराई .....
मै तो नहीं भूली
तुम भूल जाओ
दू:खी हुई मै
तुम मुस्कुराओ .....
प्रभावित करती सुंदर क्षणिकाएँ,,,,,
ReplyDeleteRECENT POST,,,,,काव्यान्जलि ...: आश्वासन,,,,,
सुंदर क्षणिकायें ...
ReplyDeleteबेहतरीन..
ReplyDeleteछोटी सी ये जिन्दगी
ReplyDeleteछल से तुम्हारी
लंबी हो गई .....
बहुत बढ़िया ...सभी क्षणिकाएं अच्छी लगीं
सारगर्भित व सरल क्षणिकाएँ हैं..गहरे तक जाती हुई..
ReplyDeleteये रात ,ये दिन
ReplyDeleteकटते नही
तुम बिन ....
.....बहुत ही ख़ूबसूरत हैं..!
सभी एक से बढ़ कर एक क्षणिकाएँ हैं निशा जी ! क्या कहने ! बहुत ही सुन्दर !
ReplyDeletethanks to all....
ReplyDeleteछोटी सी ये जिन्दगी
ReplyDeleteछल से तुम्हारी
लंबी हो गई .....खामोश उदासी
क्षणिकाएं देती सजा, निशा करे आराम ।
ReplyDeleteलो पाठक इनका मजा, यात्रा बाद विराम ।
यात्रा बाद विराम, तोड़ वृत्तांत लिखूँगी ।
कल से फिर अविराम, आपके संग दिखूंगी ।
छल-पर्वत संगीत, रात दिन दुःख भरमाये ।
बहुत बहुत आभार, बड़ी सुन्दर क्षणिकाएं ।
वाह ... लाज़वाब प्रस्तुति
ReplyDeleteकल 27/06/2012 को आपकी इस पोस्ट को नयी पुरानी हलचल पर लिंक किया जा रहा हैं.
आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद!
''आज कुछ बातें कर लें''
वाह: सभी क्षणिकाएँ बहुत सार्थक हैं
ReplyDeleteक्या दृष्टिकोण है हर क्षणिका में... वाह! बहुत सुंदर...
ReplyDeleteसादर।
बहुत बढ़िया!
ReplyDeletethanks to all....
ReplyDeleteछोटी सी ये जिन्दगी
ReplyDeleteछल से तुम्हारी
लंबी हो गई .....
Bahut Sunder
मत तोड़ो
ReplyDeleteदुःख होगा
सच कहती हूँ ......
यकीनन दुःख होगा.
बहुत सुन्दर
मन को छूती क्षणिकायें.. सुन्दर.
ReplyDeleteकोमल भावनाओं में रची-बसी सुंदर क्षणिकायें ...
ReplyDeleteये रात ,ये दिन
ReplyDeleteकटते नही
तुम बिन ....
.....बहुत ही ख़ूबसूरत हैं....
बहुत बढ़िया क्षणिकाएँ.
ReplyDeleteसुन्दर भाव कणिकाएं हम यही कहेंगे -आओ प्रभात जल्दी आओ ,मंद मंद मुस्काओ ,नया सवेरा छिट्काओ....
ReplyDeleteक्षणिकाओं में हाथ दिखाओ ,कुछ नूतन करके दिखलाओ ....
ReplyDeleteसुंदर हैं ...
ReplyDeleteबधाई आपको !
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति,,,सुंदर क्षणिकाए,,,,
ReplyDeleteMY RECENT POST काव्यान्जलि ...: बहुत बहुत आभार ,,
सभी क्षणिकाएं बहुत अच्छी लगीं।
ReplyDeleteखास तौर पर ये-
छोटी सी ये जिन्दगी
छल से तुम्हारी
लंबी हो गई
thanks to all.......
ReplyDeleteआपकी सुन्दर क्षणिकाएं पढकर
ReplyDeleteमन बहुत प्रसन्न हो गया है.
चंद शब्दों में गहन बातें.
बहुत सुन्दर ....प्यारी प्यारी क्षणिकाएं....
ReplyDeleteअनु
देखन मे छोटन लगे, घाव करे गंभीर
ReplyDeleteगंभीर अर्थ लिए क्षणिकाएं
बहुत सुंदर
छोटी सी ये जिन्दगी
ReplyDeleteछल से तुम्हारी
लंबी हो गई .....
...लाज़वाब ! सभी क्षणिकाएं बहुत सुन्दर....
I read your post interesting and informative. I am doing research on bloggers who use effectively blog for disseminate information.My Thesis titled as "Study on Blogging Pattern Of Selected Bloggers(Indians)".I glad if u wish to participate in my research.Please contact me through mail. Thank you.
ReplyDeletehttp://priyarajan-naga.blogspot.in/2012/06/study-on-blogging-pattern-of-selected.html
सुंदर क्षणिकायें ...
ReplyDeleteसभी क्षणिकाओं में मन के अच्छे भाव व्यक्त किए गए हैं।
ReplyDeleteयह ब्रेक तो ज्यादा हो गया ...
ReplyDeletesahi bat jaldi hi break khatm karungi....
Deleteजल्दी से ब्रेक तोडिये,बहुत हो गया रोस्ट
ReplyDeleteसुन्दर सा लिख डालिए,कर दीजिए पोस्ट,,,,,
RECENT POST...: दोहे,,,,
सभी क्षणिकाएं बहुत सुन्दर.
ReplyDeletehttp://madan-saxena.blogspot.in/
http://mmsaxena.blogspot.in/
http://madanmohansaxena.blogspot.in/
बहुत सुन्दर्\
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