Sunday, 15 April 2012

पलकभर आसमान

वक्त के दरिया में सभी
मगरूर हो गए
दौलत और शोहरत के
 नशे में चूर हो गए
एक-एक कर सभी
दोस्त दूर हो गए ??????


नादाँ दिल मेरे ......
ग़मगीन नहीं होना
संग हमेशा रहकर तेरे
गम सारे हर लूंगी
उदासी भरे दो नैनों को
खुशिओं से भर दूंगी .......
बनाने दो उनको
असीमित .अथाह
 दौलतमय जहाँ .....



मालूम है मुझे
खुश रहने के लिए
तुम्हे चाहिए
सिर्फ पलक भर
आसमान ..........
गलत नही है
बात है ये
सोलह आने सच्ची .....
बेफिक्री से जीने के लिए
दिल और दिमाग की
दोस्ती .....
सबसे अच्छी ...............

20 comments:

  1. बेफिक्री से जीने के लिए
    दिल और दिमाग की
    दोस्ती .....
    सबसे अच्छी!

    ...क्या खूब कहा है आपने निशा जी!...बहुत सुन्दर प्रस्तुति...आभार!

    ReplyDelete
  2. बहुत ही बढ़िया मैम!


    सादर

    ReplyDelete
  3. नादाँ दिल मेरे ......
    ग़मगीन नहीं होना
    संग हमेशा रहकर तेरे
    गम सारे हर लूंगी

    ......बहुत ही सुखद कविता....सुकून पहुंचाने वाली...शब्दांकन और तस्वीर दोनों ही बहुत अच्छी लगीं ! बधाई एवं शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  4. बात है ये
    सोलह आने सच्ची .....
    बेफिक्री से जीने के लिए
    दिल और दिमाग की
    दोस्ती .....
    सबसे अच्छी .

    दिल को सकून पहुचाती बहुत सुंदर रचना...बेहतरीन पोस्ट
    .
    MY RECENT POST...काव्यान्जलि ...: आँसुओं की कीमत,....

    ReplyDelete
  5. वाकई............

    बहुत सुंदर रचना...

    ReplyDelete
  6. निश्चय ही...दिल और दिमाग साथ हो तो दुनिया का मज़ा लिया जा सकता है...

    ReplyDelete
  7. बेफिक्री से जीने के लिए
    दिल और दिमाग की
    दोस्ती .....
    सबसे अच्छी ...............
    आपसे सहमत शत प्रतिशत.....

    ReplyDelete
  8. वक्त के दरिया में सभी
    मगरूर हो गए
    दौलत और शोहरत के
    नशे में चूर हो गए
    एक-एक कर सभी
    दोस्त दूर हो गए
    beautiful lines with deep feelings and emotions
    heart touching words and expression.

    ReplyDelete
  9. बहुत खूब .... दिल और दिमाग की दोस्ती ही तो मुश्किल है :)

    ReplyDelete
  10. बेफिक्री से जीने के लिए
    दिल और दिमाग की
    दोस्ती .....
    सबसे अच्छी ...

    Yakinan.....Bas ye dost bane rahe.....

    ReplyDelete
  11. सार्थक रचना ...मार्गदर्शित करती हुई ...!!
    कोशिश जरी रखेंगे ...इनकी दोस्ती बनी रहे ...

    ReplyDelete
  12. बेफिक्री से जीने के लिए
    दिल और दिमाग की
    दोस्ती .....
    सबसे अच्छी ...............


    वाह! बहुत ही सुन्दर बात कह दी है आपने निशा जी.
    दिल को भी अच्छी लगी और
    दिमाग को भी.

    ReplyDelete
  13. वक्त के दरिया में सभी
    मगरूर हो गए
    दौलत और शोहरत के
    नशे में चूर हो गए
    एक-एक कर सभी
    दोस्त दूर हो गए ??????
    के लिए चाहिए पलक भर आसमान .हर कोई चाहता एक आसमान .

    ReplyDelete
    Replies
    1. aapke vicharon ka swagat hai ...par mera manna hai ki adhiktar log jamin banane me hi gindgi gujar dete hai ...aasman ki taraf nigah karne ka wakt hi nahi milta unhe.....

      Delete
  14. बहुत ही सुन्दर कविता |

    ReplyDelete
  15. हां,संतुलन तो चाहिए ही जीवन में।

    ReplyDelete
  16. आपकी कविता में कथ्य और संवेदना का सहकार है !

    ReplyDelete
  17. सकारात्मक सोच दर्शाती बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....

    ReplyDelete
  18. वक्त के दरिया में सभी
    मगरूर हो गए
    दौलत और शोहरत के
    नशे में चूर हो गए
    एक-एक कर सभी
    दोस्त दूर हो गए ??????.......waah sabhi kshanikaye bahut sunder .

    ReplyDelete