ब्लोगर साथियों मेरी कविता "जहाँ न हो " की दो पंक्तियाँ मैंने २००२ में सपने में सुना था जो तब से मेरा पीछा कर रही थी इससे पीछा छुड़ाने के लिए
मैंने आज उसे पूर्णता प्रदान करने की कोशिश की है ..
पता नहीं मैं कहाँ तक कामयाब हो सकी हूँ अपने विचारों के द्वारा जरुर अवगत कराएँगे ..धन्यवाद ....
डोलिया में बिठाये के कहार
ले चल किसी विधि मुझको उस पार ...
जहाँ न हो किसी के खोने का अंदेशा
जहाँ न हो कोई दुःख-दर्द और हताशा
जहाँ न हो कोई उलझन और निराशा
जहाँ न हो कोई भूखा और प्यासा
जहाँ न हो कोई लाचार..बेचारा
जहाँ न हो कोई तेरा और मेरा
जहाँ न हो कोई अपना और पराया
ले चल किसी विधि मुझको उस पार ...
जहाँ न हो किसी के खोने का अंदेशा
जहाँ न हो कोई दुःख-दर्द और हताशा
जहाँ न हो कोई उलझन और निराशा
जहाँ न हो कोई भूखा और प्यासा
जहाँ न हो कोई लाचार..बेचारा
जहाँ न हो कोई तेरा और मेरा
जहाँ न हो कोई अपना और पराया
जहाँ न हो कोई मोह और माया
जहाँ न हो किसी को किसी से विरक्ति
जहाँ न हो कोई शक्ति और आसक्ति
जहाँ न हो किसी को किसी से विरक्ति
जहाँ न हो कोई शक्ति और आसक्ति
मुंहमांगी दूँगी तुमको उतराई
तहेदिल से दूँगी तुम्हें जीत की बधाई ...
मिलकर इस जीत की खुशियाँ हम मनाएंगे
अतीत की दर्दीली इन गलियों में
वापस नहीं हम आयेंगे
खुशियों से दमकेगा प्यारा वो संसार ...
ले चल किसी विधि मुझको उस पार ......
खुशियों से दमकेगा प्यारा वो संसार ...
ReplyDeleteले चल किसी विधि मुझको उस पार ....
खूब शूरत पंक्तियाँ ..सुन्दर अभिव्यक्ति,,,,निशा जी,बधाई,,,,
RECENT POST : गीत,
अतीत की दर्दीली इन गलियों में
ReplyDeleteवापस नहीं हम आयेंगे
खुशियों से दमकेगा प्यारा वो संसार ...
ले चल किसी विधि मुझको उस पार
चलो आओ बसायें हमारा आशियाना
जहाँ हों हम सभी के और सब हों हमारे
उपरोक्त भाव दर्शाते आपके पंक्तियों को सादर नमन
aapki do panktiyon ne bahut sari baate kah dali ..dhanavad singh sahab ...
Deleteकौन सा पार....कौन सा कहार! लगता है आपको उतराई में कुछ नहीं खर्च करना....सिर्फ डोली की सवारी का मज़ा लूटना है!!!
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (29-09-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
dhanyavad shastri jee ...
Deleteअतीत की दर्दीली इन गलियों में
ReplyDeleteवापस नहीं हम आयेंगे
खुशियों से दमकेगा प्यारा वो संसार ...
ले चल किसी विधि मुझको उस पार ......बेहद गहनशील
बहुत बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर सपना.....काश ऐसा कोई जहाँ हो....
ReplyDeleteaisa jahan ham jee chuke hain saras jee apne bachpan ko yaad kijiye .....dhanyavad ....
Deleteबहुत सुन्दर .काश सपने सच होजाए..
ReplyDeletekai bar kuch sapne sach bhi ho jata hai ..dhanyavad kaneri jee ..
Deleteaap sabhi ko tahedil se dhayavad nd aabhar ..
ReplyDeleteबहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.....
ReplyDelete
ReplyDelete.
सपनों में बहुत बार अच्छी पंक्तियां और शब्द मिलते रहे हैं मुझे भी
:)
अच्छी रचना बन पड़ी है …
बधाई !
वैसे इन भावों का और विस्तार किया जा सकता था …
मंगलकामनाओं सहित…
bilkul sahi kah rahe hain rajendra jee ....abhi to shuruaat kiya hai ...
Deleteसुन्दर अभिव्यक्ति,निशा जी.बधाई.
ReplyDeleteमिली ख्वाब में पंक्तियाँ,दिया उसे आकार |
ReplyDeleteईश्वर से विनती करूँ , सपना हो साकार ||
dhanyavad nigam sahab....mere dwara dekhe gaye sapne aksar sakar hote hain ...
Deleteबहुत सुंदर रचना:
ReplyDeleteजहा ना हो का टेंडर
बडी़ मुश्किल है
कोई नहीं है डालता
जहाँ ये सब हो
उसके लिये तो
हर कोई अपना
पर्स सहर्ष ही
है निकालता !
sahi bat ..
Deleteसपनों का मोहक संसार अपूर्णता में पूर्णता भरता है अभाव की पूर्ती करता है सपने न आयें तो आदमी पागल हो जाए .जो वैसे हासिल नहीं है सपने में मिल जाता है .बढ़िया खाब है जागी आँखों का भी सोई सोई अंखियों का भी .बधाई .
ReplyDeleteडोली में बिठाईके कहार ,
लाये मुझे सजना के द्वार .
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteअतीत की दर्दीली इन गलियों में
वापस नहीं हम आयेंगे
खुशियों से दमकेगा प्यारा वो संसार
ले चल किसी विधि मुझको उस पार
.....यह विशेष पसंद आया......निशा जी बधाई
mujhe bhi yahi jiyada accha laga aur yahi mai batana bhi chahti hoon...
Deletethanks to all...
ReplyDeleteवाह निशा जी.....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर भाव....
बेहतरीन कविता........
सस्नेह
अनु
खूबसूरत चिंतन ....
ReplyDeleteमुझे ये पंक्तियाँ न जाने क्यों याद आ गईं ---
इस पार प्रिय तुम हो , मधु है
उस पार न जाने क्या होगा
is par agar accha hai to us paar bhi accha hi hoga sangeeta jee.kyonki hamara dristikon agar sakaratamk hota hai to sabkuchh accha hota hai ...dhanyavad ...
Deletedhanyavad sandhya jee ...
ReplyDelete|मैंने आज उसे पूर्णता प्रदान करने की कोशिश की है ..
ReplyDeleteपता नहीं मैं कहाँ तक कामयाब हो सकी हूँ अपने विचारों के द्वारा जरुर अवगत कराएँगे ..धन्यवाद ....
बहुत ही बढ़िया तरीके से कामयाब हो चुकी हैं आप ,बहुत ही खुबसूरत लिखा है आपने .....
bahut -bahut dhanyavad sureshjee...
Deleteवाह! बहुत ही अच्छी लगी..
ReplyDeletedhanyavad amrita jee ..
Deleteइक ऐसे गगन के तले...जहाँ गम भी ना हो...आंसू भी ना हो...बस प्यार ही प्यार पले...
ReplyDeletedhanyavad .....
Deleteबहुत ही बढ़िया
ReplyDeleteसादर
dhanyavad mathur jee ...
Deleteआपका सीधा साधा अंदाज मन को बहुत भाता है.
ReplyDeleteमन से तो कोई भी दुःख कभी नही चाहता है
पर सुख दुःख तो जीवन की धूप और छाया है.
जो दोनों को साथ ले चला उसने ही आत्म तत्व को पाया है.
बहुत बहुत आभार,निशा जी.
केवल धन्यवाद से काम नही चलेगा.
ReplyDeleteकुछ और भी कहना पड़ेगा निशा जी.
यहाँ भी और मेरे ब्लॉग पर भी.
बहुत दिनों के बाद मेरे ब्लॉग पर आप आये इसके लिए
Deleteबहुत -बहुत धन्यवाद राकेश जी ....कुछ और क्या कहूं ?
हम सभी जानते हैं सुख-दुःख तो जीवन के धूप-छांह हैं जिसे हमें समभाव
से ग्रहण करना ही पड़ेगा ....दुःख से जो घबराता है वो कायर कहलाता है ..
पर जब अपने छोटी-छोटी बातों में आकर दिल दुखातें हैं तो बड़ा दुःख होता है
कितना अच्छा होता जब हर इंसान अपनी -अपनी जिम्मेदारियों को सहर्ष
वहन कर अपना भार खुद ही ढोता...लूट -खसोट की प्रवृति नहीं रखता ...
मेरे लिए ये उदगार एक कविता नहीं है राकेश जी ..बल्कि मुझे मौत के
मुह से निकलने के लिए सतर्क करनेवाली एक शक्ति का नाम है ....जिसने मेरी बीमारी
के पहले आकर मुझे सचेत किया था ...जिसने मौत को इतने पास
से देखा हो ..उसे शायद सांसारिक चीजों से लगाव नहीं होना चाहिए ..पर
गृहस्थ जीवन का पालन करना भी तो जरुरी है ..इसलिए न चाहते हुए
भी दिल का दर्द जुबाँ पर आ ही जाता है ....बहुत चाहती हूँ की
किसी का दिल नहीं तोड़ू पर बहुत मुश्किल है इस भंवर को पार करना ....
सबको खुश करना आसान काम नहीं ..सबके दुःख को दूर करना भी
मुश्किल है ...दौलत की भूख -प्यास रिश्ते के गणित को उलझा देती है ..
बस ...मिलजुल कर रहना ..हँसते रहना मुझे बहुत पसंद है ...
पर बड़ी कठिन है जीवन की राहें ....अपना कोई दुखी हो तो हँसना भी
पाप लगता है ....बस इसलिए कल्पना की है उस जहाँ की ...और सपने
देखें हैं उसके लिए और मेरे द्वारा देखे सपने अक्सर सच्चे होते हैं ..
ये भी पूरा होगा ये मेरा विश्वास है ...