Wednesday, 20 March 2013

तो ..अच्छा होता




परिवर्तित अपना व्यवहार न करते                              
सपनों के साहूकार  न बनते 
संबंधों का सौदा कर 
दिल नहीं दुखाते अपनों का तो ....अच्छा होता ......
                                                                                                                                              
अतीत की कडवाहट को 
भविष्य के लिए  संजोकर 
वर्तमान से खिलवाड़ न करते तो ....अच्छा होता .....

दोष औरों का बताकर 
झूठ को सच का ज़ामा पहनाकर 
खुद को लाचार नहीं बताते तो ...अच्छा होता .....

चंद  दौलत की खातिर 
दोस्ती में दरार न लाते 
विश्वासघाती नहीं कहलाते तो ....अच्छा होता 

सुख में गाते 
दुःख में भी गाते 
इंसान को परख पाते तो…अच्छा होता ......

बीती बातें 
भूल गई थी 
यादें वापस नहीं आतीं तो... अच्छा होता .......

21 comments:

  1. सुंदर रचना बढ़िया अभिव्यक्ति,,,
    निशा जी ,बड़े अक्षरों में लिखा करे पढने में परेशानी होती है,

    Recent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,

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  2. सुख में गाते
    दुःख में भी गाते
    इंसान को परख पाते तो…अच्छा होता ......

    Bahut Sunder

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  3. बहुत ही बेहतरीन रचना,आभार.धीरेन्द्र जी के आग्रह पर ध्यान दें.

    "स्वस्थ जीवन पर-त्वचा की देखभाल"

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  4. सुख में गाते
    दुःख में भी गाते
    इंसान को परख पाते तो…अच्छा होता ..

    बीती बातें
    भूल गई थी
    यादें वापस नहीं आतीं तो... अच्छा होता ..

    आपने दिल की बात कह दी बहुत खूब

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  5. बीती बातें
    भूल गई थी
    यादें वापस नहीं आतीं तो... अच्छा होता .......

    सच में ऐसा हो तो अच्छा होता. भावपूर्ण कृति, बधाई.

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  6. काश ,ऐसा होता तो कितना अच्छा होता !

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  7. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-03-2013) के चर्चा मंच 1193 पर भी होगी. सूचनार्थ

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  8. बहुत ही सुन्दर रचना...

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  9. जीवन तो आगे की ओर ही है व्यय -तीत से पल्ला झाड़ ना ही होगा .होली सो हो ली .जो बीत गई वह बात गई .

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  10. जीवन तो आगे की ओर ही है व्यय -तीत से पल्ला झाड़ ना ही होगा .होली सो हो ली .जो बीत गई वह बात गई .

    निशा महा राणा जी मैं टेक सावी ,कम्पू माहिर नहीं हूँ मेरा ब्लॉग किसी ने बनाया ,विजेट किसी और ने ,'ये' किसी और ने' वह ''किसी और ने मैं सिर्फ पढता हूँ और गुनता हूँ ,लिखता हूँ क्या हूँ जानकारी सांझा करता हूँ -विद्या बांटने से बढ़ती है .

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  11. Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947 1h
    ram ram bhai
    मुखपृष्ठ
    शनिवार, 23 मार्च 2013
    आखिर सारा प्रबंध इटली का ही तो है यहाँ .

    http://veerubhai1947.blogspot.in/
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    Virendra Sharma ‏@Veerubhai1947 1h
    इटली के ही पास गिरवीं है भारत की नाक http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/03/blog-post_23.html …
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  12. बेहतरीन अभिव्यक्ति

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  13. इटली से यूं नाक न कटाते ,

    अच्छा होता ,

    भिक्षा लेकर न इतराते ,

    अच्छा होता .

    अति उत्कृष्ट रचना है मानवीय सरोकारों से रु -ब -रु .

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  14. अतीत को न भूलाना और भविष्य की चिंता ने
    ही तो मनुष्य के वर्तमान को प्रभावित
    कर रखा है ......!!
    बहुत सुंदर अभिव्यक्ति निशा जी.....

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  15. इंसान को परख पाते तो…अच्छा होता ......

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  16. होली सो होली समझ लेते तो अच्छा होता .

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