सपनों के साहूकार न बनते
संबंधों का सौदा कर
दिल नहीं दुखाते अपनों का तो ....अच्छा होता ......
अतीत की कडवाहट को
भविष्य के लिए संजोकर
वर्तमान से खिलवाड़ न करते तो ....अच्छा होता .....
दोष औरों का बताकर
झूठ को सच का ज़ामा पहनाकर
खुद को लाचार नहीं बताते तो ...अच्छा होता .....
चंद दौलत की खातिर
दोस्ती में दरार न लाते
विश्वासघाती नहीं कहलाते तो ....अच्छा होता
सुख में गाते
दुःख में भी गाते
इंसान को परख पाते तो…अच्छा होता ......
बीती बातें
भूल गई थी
यादें वापस नहीं आतीं तो... अच्छा होता .......
सुंदर रचना बढ़िया अभिव्यक्ति,,,
ReplyDeleteनिशा जी ,बड़े अक्षरों में लिखा करे पढने में परेशानी होती है,
Recent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
सुख में गाते
ReplyDeleteदुःख में भी गाते
इंसान को परख पाते तो…अच्छा होता ......
Bahut Sunder
बहुत ही बेहतरीन रचना,आभार.धीरेन्द्र जी के आग्रह पर ध्यान दें.
ReplyDelete"स्वस्थ जीवन पर-त्वचा की देखभाल"
सुख में गाते
ReplyDeleteदुःख में भी गाते
इंसान को परख पाते तो…अच्छा होता ..
बीती बातें
भूल गई थी
यादें वापस नहीं आतीं तो... अच्छा होता ..
आपने दिल की बात कह दी बहुत खूब
बीती बातें
ReplyDeleteभूल गई थी
यादें वापस नहीं आतीं तो... अच्छा होता .......
सच में ऐसा हो तो अच्छा होता. भावपूर्ण कृति, बधाई.
अच्छी रचना।।
ReplyDeleteअच्छी रचना।।
ReplyDeleteकाश ,ऐसा होता तो कितना अच्छा होता !
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-03-2013) के चर्चा मंच 1193 पर भी होगी. सूचनार्थ
ReplyDeletethank u...sharma jee....
Deleteबहुत ही सुन्दर रचना...
ReplyDeleteजीवन तो आगे की ओर ही है व्यय -तीत से पल्ला झाड़ ना ही होगा .होली सो हो ली .जो बीत गई वह बात गई .
ReplyDeleteजीवन तो आगे की ओर ही है व्यय -तीत से पल्ला झाड़ ना ही होगा .होली सो हो ली .जो बीत गई वह बात गई .
ReplyDeleteनिशा महा राणा जी मैं टेक सावी ,कम्पू माहिर नहीं हूँ मेरा ब्लॉग किसी ने बनाया ,विजेट किसी और ने ,'ये' किसी और ने' वह ''किसी और ने मैं सिर्फ पढता हूँ और गुनता हूँ ,लिखता हूँ क्या हूँ जानकारी सांझा करता हूँ -विद्या बांटने से बढ़ती है .
Virendra Sharma @Veerubhai1947 1h
ReplyDeleteram ram bhai
मुखपृष्ठ
शनिवार, 23 मार्च 2013
आखिर सारा प्रबंध इटली का ही तो है यहाँ .
http://veerubhai1947.blogspot.in/
Expand Reply Delete Favorite More
Virendra Sharma @Veerubhai1947 1h
इटली के ही पास गिरवीं है भारत की नाक http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/03/blog-post_23.html …
Expand
बेहतरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteइटली से यूं नाक न कटाते ,
ReplyDeleteअच्छा होता ,
भिक्षा लेकर न इतराते ,
अच्छा होता .
अति उत्कृष्ट रचना है मानवीय सरोकारों से रु -ब -रु .
गहरी एहसास की बढ़िया अभिव्यक्ति
ReplyDeletelatest post भक्तों की अभिलाषा
latest postअनुभूति : सद्वुद्धि और सद्भावना का प्रसार
अतीत को न भूलाना और भविष्य की चिंता ने
ReplyDeleteही तो मनुष्य के वर्तमान को प्रभावित
कर रखा है ......!!
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति निशा जी.....
इंसान को परख पाते तो…अच्छा होता ......
ReplyDeleteहोली सो होली समझ लेते तो अच्छा होता .
ReplyDeleteबहुत खूब
ReplyDelete