जिसकी कोख में सपने पलते हैं
वो माँ है
वो बहन है
वो बेटी है
वो पत्नी है
वो प्रेमिका है
वो अबला नारी नहीं
वो सब पर भारी है
वो ताकतों की ताकत औ
आफ़तों की आफत है
वो शक्ति की पुंज है
वो राख में दबी चिंगारी है
जीवन को जीवन देनेवाली
वो एक ममतामयी नारी है।
महिला को सम्मान देने के प्रतीक स्वरुप इस तथाकथित महिला दिवस की सार्थकता तभी फलीभूत होगी जब महिलायें निर्भय होकर प्रगति पथ पर अग्रसर होंगी।