Monday 21 October 2013

कर लो थोड़ा इन्तजार…….


रूप दमके 
प्यार छलके 
जीवन महके……. सजनी तेरा……. 

मत हो उदास 

आऊंगा तेरे पास 
ले निशा का अनुपम श्रृंगार
बदली में  घिर गया अभी मैं  
कर लो थोड़ा इन्तजार…….  


 सुहाग पर्व के इस अवसर आपको  बहुत-बहुत शुभकामनाएं 




Thursday 10 October 2013

पत्ते झड़ते शाखों से

सुख-दुःख की आँख-मिचौनी 
और उनका ये दीवानापन 
साथ लिए अपने आता है 
अल्हड सा मस्तानापन,…… 

पथ पर जब थक जागे 
लिए अपना नश्वर यह धन
 पथिक तभी समझ पाओगे 
साँसों का ये महँगापन,…… 

पत्ते झड़ते शाखों से 
फूलों बिन सूना उपवन 
कब-कौन -कहाँ चल देता है 
कैसा ये बेगानापन,…